निजी अस्पताल में 8 अगस्त को हुआ ऑपरेशन के बाद तबियत बिगड़ी तो किया रेफर, परिजनों ने मचाया हंगामा,नेपाल के निजी अस्पताल में भर्ती

न्यूज स्कैन ब्यूरो,अररिया
फारबिसगंज थाना क्षेत्र के कॉलेज चौक के पास एनएच 27 स्थित ईश्वर दयाल मेमोरियल हॉस्पिटल में चिकित्सक डॉ जी. एन.चौपाल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जमकर हंगामा किया।परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने और 51 हजार के बदले 71 हजार रूपये की ठगी करने के बाद मरीज को फिर से ऑपरेशन करने की बात कहकर जबरन रेफर करने का आरोप लगाया।परिजनों ने आनन फानन में मरीज को लेकर नेपाल विराटनगर के एक निजी अस्पताल लेकर गए।लेकिन उससे पहले परिजनों ने ईश्वर दयाल मेमोरियल हॉस्पिटल और डॉ जी. एन.चौपाल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और विधायक को आवेदन दिया है और परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई।
मामले को लेकर परिजन मुकेश कुमार मंडल और नरपतगंज खैरा कोसकापुर वार्ड संख्या 14 के मरीज 60 वर्षीय राजेंद्र मंडल के पुत्र रंजीत कुमार मंडल ने बताया कि मरीज को 8 अगस्त को ईश्वर दयाल मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।जहां गॉल ब्लैडर में पथरी की शिकायत पर मरीज का ऑपरेशन किया गया।

परिजनों ने बताया कि चिकित्सक और अस्पताल प्रबंधन से 51 हजार रूपये में इलाज होने की बात कही गई थी।लेकिन उनलोगों से 71 हजार रूपये की वसूली की गई।ऑपरेशन के बाद मरीज को घर भेज दिया गया था।लेकिन घर पर जाने के बाद मरीज की हालत बिगड़ते चली गई।उन्हें पेशाब नहीं हो पा रहा था।जिसके बाद फिर से अस्पताल लाया गया।जहां पाइप लगाकर मरीज को पेशाब कराया गया।बावजूद इसके मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ।जिसके बाद चिकित्सक की सिफारिश पर नेपाल से अल्ट्रा साउंड कराया गया तो रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सक ने किडनी में भी स्टोन होने की बात कहकर फिर से ऑपरेशन कहने की बात कही।परिजनों का कहना है कि इससे पहले अल्ट्रा साउंड ईश्वर दयाल मेमोरियल हॉस्पिटल में ही कराया गया था,जिसके रिपोर्ट को चिकित्सक ने पूरी तरह सही नहीं करार देते हुए जल्दी से मरीज को पूर्णिया या नेपाल ले जाने की सलाह दी।इस बात को लेकर परिजन उखड़ गए और उन लोगों ने चिकित्सक सहित अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़ा किया।परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद चिकित्सक अस्पताल में नहीं रहते हैं।पटना स्थित अपने निजी अस्पताल के साथ पूर्णिया आना जाना करते रहते हैं और अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेवारी गैर जिम्मेवार अकुशल कर्मियों के ऊपर रहती है।परिजनों ने चिकित्सक और कर्मियों पर दुर्व्यवहार करने,धमकी देने और मरीज को तड़पता छोड़कर पूर्णिया चले जाने का आरोप लगाया।
इधर मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से उनका पक्ष लेने की काफी कोशिश की गई,लेकिन पक्ष रखने को कोई भी सामने नहीं आए।