न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) पर चुनाव आयोग ने बड़ा बयान दिया है। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बीच आयोग ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि राज्य के 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.11 प्रतिशत ने दस्तावेज पहले ही उपलब्ध करा दिए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर स्पष्ट किया कि 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के आधार पर यह सत्यापन लगभग पूरा हो चुका है। इससे यह स्पष्ट है कि एसआईआर प्रक्रिया के लगभग सफल होने की पुष्टि से स्पष्ट है कि आयोग बिहार में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सक्रिय रूप से तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है।
आयोग की पहल और संवाद
आयोग ने प्रेस नोट में बताया कि पिछले छह महीनों में राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनीतिक दलों से लगातार चर्चा की गई है। इस दौरान सभी मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधियों के साथ 4,700 से अधिक बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक पार्टी प्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी ने इन बैठकों की निगरानी की।
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से बैठकें
आयोग ने मई में 5 राष्ट्रीय दलों के शीर्ष नेताओं के साथ संवाद किया और जुलाई–अगस्त के दौरान 17 राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से भी मुलाकात की। बाकी दलों के साथ बातचीत की प्रक्रिया अभी जारी है। चुनाव आयोग ने कहा कि यह पहल केवल प्रतिनिधित्व तक सीमित नहीं है बल्कि सभी हितधारकों को चुनावी प्रक्रिया मजबूत करने में सक्रिय रूप से शामिल करने का प्रयास है।