न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
सितारवादक प्रवीर की संस्था सुर संसार में समर्थगुरु की कृपा से एक विशेष सत्संग का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय था ‘अध्यात्म और संगीत’, जिसमें संगीत और अध्यात्म के बीच गहरे संबंध को समझाया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत सितार वादन से हुई। उपस्थित श्रोताओं ने अनुभव किया कि कैसे आहत नाद (साधारण संगीत) और अनाहत नाद (दिव्य संगीत) के माध्यम से व्यक्ति अध्यात्मिक यात्रा पर निकल सकता है। सत्संग समर्थगुरु के वरिष्ठ आचार्य अंशु जी ने लिया और कहा कि आहत नाद से अनाहत नाद की ओर बढ़ना ही अध्यात्म की वास्तविक यात्रा है।
सत्संग में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने इस अनुभव को आत्मसात किया और इसके महत्व पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में सुनील जैन, रितेश, पम्पा घोष, नीरा, प्रियंका, आशुतोष, हिमांशु , श्वेता सिंह एवं सुमित उपस्थित थे।
सत्संग के दौरान प्रतिभागियों ने संगीत के माध्यम से ध्यान और अध्यात्मिक जागरूकता के अनुभव साझा किए। समर्थगुरु धारा के आचार्य अंशु ने बताया कि संगीत न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह मन, मस्तिष्क और आत्मा को जोड़ने का माध्यम भी है। अगला ड्रॉइंग रूम सत्संग किसी नए विषय और स्थान पर आयोजित किया जाएगा।