दिशोम गुरु के बारहवां पर देवघर में शिष्य ने किया शांति भोजन का आयोजन

देवघर। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर देवघर में गुरु-शिष्य परंपरा की अनोखी मिसाल देखने को मिली। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और झारखंड आंदोलनकारी सरोज सिंह ने गुरुजी के निधन पर पहले सनातन संस्कृति के अनुसार अपना क्षौरकर्म कराया। फिर 12 वें दिन द्वादश कर्म किया और विधि-विधान पूर्वक जसीडीह के अंधरीगादर में शांति भोज का आयोजन किया। शांति भोज में करीब पांच हजार महिला-पुरुष शामिल हुए।

शांति भोज के आयोजनकर्ता सरोज सिंह ने बताया कि शिबू सोरेन उनके गुरु थे और इसी लिहाज से उन्होंने क्षौरकर्म कराकर और शांति भोज किया और गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। सरोज सिंह ने बताया कि गुरुजी असल में उनके राजनीतिक गुरु थे। झारखंड आंदोलन के समय गुरुजी ने अंगुली पकड़ कर राजनीति सिखाई थी। अब उनके निधन पर अपने गुरु को याद कर सनातन परंपरा अनुसार उनका श्राद्ध कर्म किया। शांति भोजन में देवघर विधायक सुरेश पासवान, झामुमो नेता सूरज झा, राजाराम, जिला कल्याण पदाधिकारी दयानंद दुबे, एएस कॉलेज के प्राध्यापक प्रो. नंदन किशोर द्विवेदी समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए और गुरुजी को श्रद्धासुमन अर्पित किया।