न्यूज स्कैन ब्यूरो, देवघऱ
शहर के परमेश्वर दयाल रोड, बरमसिया निवासी सह राजकीय मध्य विद्यालय विवेकानंद (विलियम्स टाउन, देवघर) की शिक्षिका श्वेता शर्मा को शिक्षक दिवस के मौके पर भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने शिक्षिका श्वेता शर्मा को योग्यता प्रमाण-पत्र, 50 हजार रुपए नकद पुरस्कार और एक रजत पदक किया। बता दें कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा झारखंड से एकमात्र श्वेता शर्मा का चयन उक्त पुरस्कार के लिए किया गया था।
अबुआ जादुई पिटारा के जरिए बच्चों को पढ़ाती हैं श्वेता
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित श्वेता शर्मा के सबसे बड़े योगदानों में एक है अबुआ जादुई पिटारा, जो जादुई पिटारा का स्थानीय वर्जन है और झारखंड की समृद्ध जनजातीय विरासत तथा बाबा वैद्यनाथधाम की सांस्कृतिक महत्ता से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि यह विचार उन्हें 2022 में एनसीईआरटी और आरआईई भुवनेश्वर में खिलौना-आधारित शिक्षण पद्धति पर उन्मुखीकरण के बाद आया। 2023 में जी-20 सम्मेलन में झारखंड द्वारा एफएलएन बेस्अ प्रैक्टिसेस की प्रस्तुति के पश्चात यह और विकसित हुआ। सांस्कृतिक रूप से जड़ित, खेल-आधारित शिक्षण सामग्री का विकास करना शुरू किया और कक्षा की पाठ योजनाओं में शामिल किया। आज यह पिटारा विभिन्न विषयों विकासात्मक क्षेत्रों की गतिविधियां समेटे हुए है। न केवल उनकी कक्षा बल्कि अन्य शिक्षकों द्वारा भी उपयोग में लाया जा रहा है। इसकी सफलता एफएलएन कार्यशालाओं और सहकर्मी सीख सत्रों में प्रदर्शित की गई है। जिससे अन्य शिक्षकों को प्रोत्साहन मिला है और यह प्रभाव उनकी कक्षा से आगे तक फैल गयी है। सबसे छोटे बच्चों को पढ़ाना उनके लिए हमेशा सबसे बड़ी खुशी रही, क्योंकि इससे उन्हें न केवल साक्षरता की मजबूत नींव रखने का अवसर मिलता है, बल्कि आत्मविश्वास, जिज्ञासा और सीखने के प्रति प्रेम को भी पोषित करने का मौका मिलता है। शिक्षा केवल अकादमिक तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि सहानुभूति, आत्म-जागरूकता, सहयोग और जिम्मेदार नागरिकता की भावना भी शामिल होनी चाहिए।