न्यूज स्कैन ब्यूरो, किशनगंज
किशनगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए मौजूदा विधायक इजहारुल हुसैन का टिकट काट दिया है। उनकी जगह 1.5 महीने पहले पार्टी में शामिल हुए पूर्व विधायक मोहम्मद कमरुल होदा को प्रत्याशी बनाया गया है। होदा इससे पहले JD(U), NCP, AIMIM और RJD जैसी पार्टियों से जुड़े रहे हैं, और कांग्रेस उनकी पांचवीं पार्टी है।
कौन हैं मोहम्मद कमरुल होदा?
मोहम्मद कमरुल होदा, सुरजापुरी मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उनकी शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक है। उनका राजनीतिक और सामाजिक सफर लंबा और विविध रहा है। होदा ने अपने करियर की शुरुआत 2001 में ग्राम पंचायत टेउसा से मुखिया के रूप में की। इसके बाद 2006 में वे किशनगंज पंचायत समिति के सदस्य और प्रखंड प्रमुख बने। 2011 में जिला परिषद सदस्य चुने गए और 2011 से 2016 तक किशनगंज जिला परिषद के अध्यक्ष रहे।
होदा ने 2015 में NCP के टिकट पर किशनगंज विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन चौथे स्थान पर रहे और करीब 10,000 वोट हासिल किए। 2019 के उपचुनाव में AIMIM के टिकट पर वे विधायक बने। हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM के टिकट पर ही तीसरे स्थान पर रहे, तब उन्हें लगभग 42,000 वोट मिले। 2023 में वे RJD के जिला अध्यक्ष बने। इसके अलावा, वे सामाजिक संगठनों जैसे किशनगंज नागरिक एकता मंच और लायंस क्लब किशनगंज में सक्रिय रहे हैं।
राजनीतिक दल बदल का इतिहास
कमरुल होदा का राजनीतिक सफर कई दलों से होकर गुजरा है। उन्होंने JD(U), NCP, AIMIM और RJD के बाद अब कांग्रेस का दामन थामा है। उनकी यह दल-बदल की रणनीति चर्चा का विषय बनी हुई है।
किशनगंज में कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस का यह फैसला किशनगंज में नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। होदा के अनुभव और क्षेत्र में उनकी पकड़ को देखते हुए पार्टी ने उन्हें मौका दिया है। हालांकि, मौजूदा विधायक इजहारुल हुसैन का टिकट कटने से स्थानीय स्तर पर नाराजगी की संभावना भी जताई जा रही है।
किशनगंज विधानसभा सीट पर मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है, क्योंकि होदा का सामाजिक और राजनीतिक आधार क्षेत्र में मजबूत माना जाता है। अब देखना यह है कि मतदाता इस बदलाव को कैसे लेते हैं।