- 20 साल की लापरवाही: सामुदायिक भवन पर अतिक्रमण, अफसर बेखबर
- मामला हसनगंज प्रखंड के कालसर पंचायत अंतर्गत तीनगछिया गांव नहर किनारे स्थित सामुदायिक भवन का
चिन्मय प्रियांशु, कटिहार
लगभग 20 साल पहले जनता के पैसे से बना सामुदायिक विकास भवन आज बर्बादी की जीती-जागती मिसाल बन गया है। लाखों रुपए की लागत से बना भवन अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। मामला हसनगंज प्रखंड के कालसर पंचायत अंतर्गत तीनगछिया गांव नहर किनारे स्थित सामुदायिक भवन का है।
निर्माण का मकसद था कि ग्रामीण सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए इस भवन का उपयोग करें। लेकिन हकीकत यह है कि भवन इतना जर्जर हो चुका है कि उसमें बैठना तो दूर, खड़ा रहना भी खतरे से खाली नहीं है।
स्थिति और शर्मनाक तब हो जाती है जब देखा जाता है कि आस-पास के लोगों ने भवन पर कब्जा कर रखा है। इसमें जलावन और अन्य सामग्री भरी पड़ी है।
पंचायत प्रतिनिधि और प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
20 साल से जिम्मेदार विभाग और पदाधिकारी सिर्फ टालमटोल कर रहे हैं। खास बात यह है कि भवन के सामने ही एक सार्वजनिक मंदिर है, जहां सालाना पूजा-अर्चना और भीड़ जुटती है। ऐसे में खंडहर बने भवन के गिरने का खतरा लोगों की जान पर भी भारी पड़ सकता है।
विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि जीर्णोद्धार की बात वर्षों से उठती रही, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने तो यहां तक कह दिया – “हमें जानकारी नहीं थी, अब दिखवाते हैं।”
सवाल यह है कि 20 साल तक आखिर प्रशासन आंख मूंदे क्यों रहा?