चौरचन व तीज पर्व कल, बाजारों में उमड़ी भीड़

  • पकवान, दही और फल का चढ़ता महत्व, चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा

न्यूज़ स्कैन ब्यूरो, सुपौल

जिले में मंगलवार को पारंपरिक लोकपर्व चौरचन और तीज हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। सोमवार को पर्व की तैयारी को लेकर बाजारों में रौनक देखी गई। खरीदारी के लिए दुकानों पर महिलाओं और बच्चों की भीड़ उमड़ी। लोग फल, मिठाई, दही और पकवान की सामग्री के साथ ही पूजा में उपयोग होने वाले बांस से बने डाला खरीदते नजर आए।

मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र का प्रमुख पर्व चौरचन भाद्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इसमें चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन झूठे आरोपों से मुक्ति मिलती है।

अरिपन और पूजा विधि

पूजा से पहले आंगन को गोबर और गेरु से लीपा जाता है। इसके बाद गीले चावल के आटे से गोलाकार अरिपन बनाया जाता है, जो चंद्रमा का प्रतीक होता है। अरिपन के बीच केला का पत्ता रखकर उस पर पकवान, दही और फल चढ़ाए जाते हैं।

पौराणिक कथा और मान्यता

कथाओं के अनुसार एक बार चंद्र देव ने भगवान गणेश का उपहास किया। इससे क्रोधित होकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दिया कि जो कोई भी उन्हें देखेगा उस पर झूठा कलंक लगेगा। बाद में क्षमा मांगने पर श्राप आंशिक रूप से कम किया गया। तभी से गणेश चतुर्थी की शाम को चंद्रमा की पूजा करने की परंपरा प्रचलित हुई।

सोमवार को बाजार में खरीदारी के दौरान महंगाई का असर जरूर दिखा, लेकिन आस्था ने कीमतों पर भारी पड़ते हुए पूजा सामग्री की खूब बिक्री कराई।