न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन जिले भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना पूरे हर्षोल्लास और आस्था के साथ की । सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लग गया। घंटे-घड़ियाल की गूंज और वैदिक मंत्रोच्चारण से वातावरण भक्तिमय हो उठा।
दुर्गा सप्तशती के पाठ और भजनों के बीच श्रद्धालु मां ब्रह्मचारिणी के चरणों में मत्था टेकते रहे। नगर के प्रमुख दुर्गा मंदिरों सार्वजनिक पूजा स्थल गांधी मैदान , बड़ी दुर्गा स्थान , रेलवे मालगोदाम , सदर प्रखंड के सुखपुर, परसरमा, बरेल , बरुआरी, लौकहा, वीणा , करिहो, पथरा, पिपरा, निर्मली,वीरपुर, डभारी बभनी, भीमनगर,राघोपुर, करजाइन ,मरौना, छातापुर, जदिया, त्रिवेणीगंज और सरायगढ़ , किशनपुर सहित अन्य मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग जुटे। मंदिर प्रांगण में महिलाएं पूजा की थाल लिए कतारबद्ध होकर मां की आरती में सम्मिलित हुईं। वहीं युवा और बच्चे भी पूरे उत्साह से देवी आराधना में शामिल रहे।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा तप, संयम और सदाचार का प्रतीक मानी जाती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस आराधना से जीवन में धैर्य और आत्मबल की वृद्धि होती है। महाआरती के दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया, जब सैकड़ों श्रद्धालु एक स्वर में “जय माता दी” का उद्घोष करने लगे।
पंडितों ने बताया कि मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से साधक को तपस्या की शक्ति और कठिनाइयों का सामना करने का संबल मिलता है। यही कारण है कि दूसरे दिन की पूजा में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल होकर पुण्य लाभ उठाते हैं।
पूरे दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही। मंदिर परिसर में सुरक्षा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई थी। श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर घर लौटते हुए मां दुर्गा के जयकारे लगाते नजर आए।
शारदीय नवरात्र का यह आयोजन न सिर्फ आस्था का उत्सव है बल्कि समाज में एकता और सामूहिकता का भी प्रतीक बन गया है। आने वाले दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना के साथ भक्ति का यह उत्सव और भी भव्य रूप लेगा। आयोजन समिति के द्वारा पूजा पंडाल को सजाने संवारने के कार्य को अंतिम रूप देने में जुटे है।