न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
अंग प्रदेश की लोक आस्था और परंपरा से जुड़ा प्रसिद्ध पर्व बिहुला विषहरी पूजा का सोमवार को विधिवत समापन हो गया। तीन दिनों तक चले इस धार्मिक आयोजन में पूरे क्षेत्र में उत्साह और श्रद्धा का माहौल बना रहा।
पूजा-अर्चना और भव्य प्रतिमाएं
सदियों से चली आ रही इस परंपरा के तहत श्रद्धालुओं ने बिहुला और विषहरी माता की प्रतिमाएं स्थापित कर पूजा-अर्चना की। भागलपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में जगह-जगह भव्य प्रतिमाओं की स्थापना की गई, जहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती रही।
धार्मिक माहौल और मान्यता
पूजा के दौरान धार्मिक गीतों और अनुष्ठानों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय रहा। मान्यता है कि पूरे अनुष्ठान के दौरान विशेषकर भगत पर माता विषहरी की विशेष कृपा बनी रहती है। इसी आस्था को लेकर श्रद्धालु भगत के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
लोगों का विश्वास है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और संकटों से मुक्ति मिलती है।
सांस्कृतिक पहचान
बिहुला विषहरी पूजा को अंग प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान माना जाता है। यह पर्व आस्था, भक्ति और लोकगीतों के साथ-साथ समाज में एकता और परंपराओं को संजोने का संदेश भी देता है।