सुपौल। शराब तस्करी के एक पांच साल पुराने मामले में सुपौल जिला न्यायालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को सख्त सजा सुनाई है। अनन्य विशेष न्यायाधीश, उत्पाद न्यायालय सं-01, सुपौल ने जदिया थाना कांड संख्या 213/2018 में नामजद अभियुक्त प्रभु ऋषिदेव, पिता—स्व. सुदर्शन ऋषिदेव, निवासी—परसागढ़ी, वार्ड नंबर 02, थाना—जदिया, जिला—सुपौल को दोषी करार देते हुए 5 (पांच) वर्ष का कारावास एवं ₹1 (एक लाख) रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अर्थदंड न चुकाने पर 6 माह अतिरिक्त जेल
अदालत ने साफ किया कि यदि अभियुक्त निर्धारित समय सीमा के भीतर अर्थदंड की राशि अदा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त 6 (छह) माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।
2018 में दर्ज हुआ था मामला
यह मामला 24 दिसंबर 2018 को जदिया थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया था। बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 30 (ए) के तहत यह कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने प्रभु ऋषिदेव को शराब से जुड़े एक गंभीर मामले में नामजद अभियुक्त बनाया था।
अभियोजन पक्ष की अहम भूमिका
अभियुक्त को दोषी सिद्ध करवाने में विशेष लोक अभियोजक ब्रजलाल मुखिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलावा अभियोजन कोषांग से जुड़े पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों ने भी मामले को साक्ष्य और कानूनी प्रक्रिया के आधार पर मजबूत तरीके से प्रस्तुत किया।
शराबबंदी कानून के तहत सख्त कदम
बिहार में लागू शराबबंदी कानून के तहत यह फैसला एक कड़ा संदेश देता है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सरकार और न्यायपालिका पूरी सख्ती के साथ पेश आएगी। इस निर्णय से क्षेत्र में शराब कारोबार पर नियंत्रण की उम्मीद जताई जा रही है।