ज्योतिंद्र नारायण सिंह (चौथम) खगड़िया
सरकार लाख दावा करे कि शिक्षा में सुधार किया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के इस दावे पर सवाल उठा रहा है। ऐसा ही एक मामला खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड स्थित सुखराज मध्य विद्यालय और कस्तूरबा बालिका विद्यालय में में देखने को मिला। इन दोनों विद्यालय में नामांकित कुल 600 छात्र-छात्राओं का भविष्य सिर्फ दो शिक्षकों के भरोसे हो रहा है। जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में किसी तरह फिट नहीं बैठ रहा है। गौरतलब है कि यह दोनों विद्यालय एक साथ ही है। सुखराज मध्य विद्यालय में 500 नामांकित बच्चे हैं। जबकि कस्तूरबा बालिका विद्यालय में 100 नामांकित छात्राएं हैं।
अभिभावक बच्चों को ले जाते हैं घर
बता दें कि सिर्फ दो शिक्षकों के भरोसे संचालित इन दोनो विद्यालय में बच्चे शिक्षा की बजाय खेल में मग्न रहते हैं। विद्यालय के प्रधान रंजीत सिंह ने बताया कि विद्यालय के दो अन्य शिक्षक बीएलओ कार्य में व्यस्त हैं। वहीं कई शिक्षकों का इस विद्यालय से स्थानांतरित हो चुका है। गौरतलब है कि इस विद्यालय में शिक्षकों की कमी की जानकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के संज्ञान में है। बावजूद उनके द्वारा विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की जा रही है। इधर विद्यालय में शिक्षकों का अभाव देख कर कस्तूरबा बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं के अभिभावक अपने अपने बच्चियों को अपने अपने घर ले जाने को मजबूर हो रहें हैं।