- भतीजे चिराग पर भी चाचा ने साधा निशाना, कहा जिस गठबंधन में हैं, उसी की पीठ में छूरा घोंप रहे हैं, मैं विधिवत इंडिया गठबंधन में अभी नहीं
न्यूज स्कैन ब्यूरो, खगड़िया
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ती पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक रुप से अस्वस्थ्य हैं। इस बार चुनाव के बाद बिहार में महागठंधन की ओर से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी। यहां की जनता अब सत्ता परिवर्तन करना चाहती है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बिहार में एक व्यक्ति और एक पार्टी की सरकार बीते बीस वर्षो से है। जिससे जनता का मन अब उब चुका है। बिहार प्रशासन के अधिकारियों में भ्रष्टाचार फैला है। बिना रुपया दिये किसी का काम नहीं होता है। वहीं एसआईआर के सवाल पर उन्होंने कहा कि आधा बिहार बाढ़ से डूबा है। लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है, ऐसे में वे कागजात कहां से दिखाएंगे। एसआईआऱ इंडिया गठबंधन के वोटर को हटाने की साजिश है। लेकिन केन्द्र सरकार को यह याद रखना चाहिए कि बिहार ने ही देश की सत्ता परिवर्तन की शुरुआत किया था।
भतीजे चिराग पासवान पर भी कसा तंज
सोमवार को खगड़िया पहुंचे पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने प्रेस वार्ता के दौरान भतीजे चिराग पासवान को भी लपेटे में लिया। उन्होंने कहा कि खगड़िया लोकसभा में पार्टी के कार्यकर्ता को छोड़ अंजान को लोकसभा का टिकट दिया गया। बिहार की कानून व्यवस्था पर चिराग के सवाल उठाने की बात पर पशुपति पारस ने कहा कि वे जिस गठबंधन के साथ केन्द्र में मंत्री हैं उसी गठबंधन की सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल कर रहे हैं। यह हंसना और गाल फूलाने जैसा है। उन्होंने कहा कि जिस गठबंधन के साथ वे हैं उसी की पीठ में छूड़ा घोंप रहे हैं।
जिताउ और टिकाउ उम्मीदवार पर होगा फोकस
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वे अभी विधिवत इंडिया गठबंधन में नहीं हैं। दो से तीन दिनों में वह इस गठबंधन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक में उनका जिताउ और टिकाउ उम्मीदवार को टिकट देने की नसीहत होगी। बिहार के विधि व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार में दिन दहारे हत्या हो रही है। जिसमें सबसे ज्यादा क्राइम दलितों के साथ होता है। बिहार में शिक्ष, स्वास्थ्य का बुरा हाल है। यहां के अफसर एकतरफा काम कर रहे हैं। वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि खगड़िया उनका जन्म स्थान ही नहीं बल्कि कर्म भूमि है। यहां से वे सात बार विधायक बने।