न्यूज़ स्कैन ब्यूरो, कटिहार
बिहार राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के सदस्य तल्लू बासकी सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कटिहार जिले के डंडखोरा प्रखंड अंतर्गत आदिवासी बहुल पंचायतों रतनपुरा और गोरफर के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं को नजदीक से जाना।
रतनपुरा में स्थानीय मुखिया पार्वती हेम्ब्रम की अध्यक्षता में ग्रामीणों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें बासगीत पर्चा उपलब्ध कराने, प्राथमिक विद्यालय के भवन निर्माण, तथा नीमाकोल-रतनपुरा सड़क पर पुल निर्माण जैसी बुनियादी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों से ये मुद्दे लंबित हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ है।
इन शिकायतों पर आयोग सदस्य ने संज्ञान लेते हुए प्रखंड और अंचल प्रशासन को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया और कहा कि आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इसके बाद श्री बासकी ने गोरफर गांव का दौरा किया, जहां कुछ दिन पूर्व सर्पदंश से दो सगी बहनों की मौत हो गई थी। उन्होंने मृतक बच्चियों की मां माया देवी से मिलकर दुख व्यक्त किया और उन्हें ढांढस बंधाया। हालांकि, पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण मुआवजे में असमर्थता जताते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि कानूनी प्रक्रिया के तहत ही सरकारी सहायता मिल सकती है।
दौरे के दौरान आयोग सदस्य पूर्व मुखिया भारती देवी के आवास पर भी पहुंचे और उनका हालचाल जाना।
इस क्षेत्र भ्रमण में उनके साथ जदयू अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष मुकेश उरांव, पंचायत समिति सदस्य बसंत चौहान, भाजपा नेता प्रकाश हांसदा, वार्ड सदस्य मनोज उरांव और राजेन सोरेन सहित कई जनप्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
डंडखोरा थाना अध्यक्ष गौतम कुमार के नेतृत्व में सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए थे और स्थानीय पुलिस मौके पर सक्रिय रही।