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चिन्मय प्रियांशु, कटिहार
जिले के आजमनगर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय अरिहाना में शिक्षा को लेकर एक अनोखी पहल ने सबका ध्यान खींचा है। यहां हर दिन सुबह चेतना सत्र से पहले लाउडस्पीकर पर बजने वाला गाना “टन टन टन घंटी बजी” अब बच्चों को स्कूल की ओर आकर्षित करने का सबसे प्रभावी माध्यम बन गया है।
विद्यालय में पिछले दो वर्षों से यह आरटीई एंथम नियमित रूप से बजाया जा रहा है। जैसे ही घड़ी में 9:15 बजते हैं, गांव में यह गाना गूंजता है और बच्चे घरों से निकलकर स्कूल की राह पकड़ लेते हैं।
विद्यालय के शिक्षक श्यामा रविदास और विप्लव कुमार बताते हैं कि इस पहल से छात्रों की उपस्थिति में स्पष्ट रूप से सुधार देखने को मिला है। गाने की आवाज़ सुनते ही दूर खेतों में काम कर रहे अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हैं।
संगीत बना शिक्षा का संदेशवाहक
गांव के निवासी शंकर यादव, नारायण प्रसाद दीवाना, घनश्याम केवट, संतोष मंडल, और बदनलाल केवट जैसे कई अभिभावकों ने बताया कि अब वे खुद इस गाने का इंतजार करते हैं। जैसे ही “घंटी बजी” की धुन सुनाई देती है, वे अपने बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजते हैं।
शिक्षा विभाग के नए दिशा-निर्देशों के तहत अब यह आरटीई एंथम बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में चेतना सत्र से पहले दो मिनट के अंतराल पर अनिवार्य रूप से बजाया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह और जिम्मेदारी की भावना जगाना है।
शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी
मध्य विद्यालय अरिहाना की यह पहल यह दर्शाती है कि छोटे-छोटे प्रयास भी शिक्षा की दिशा में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। न सिर्फ बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है, बल्कि शिक्षा के प्रति उनका झुकाव और रुचि भी दिखाई देने लगी है।