प्रदीप विद्रोही, भागलपुर
बिहार की राजनीति में एक पुरानी कहावत है — “सड़क पर चलो मत, राजनीति पर चलो!” और कहलगांव के बीजेपी विधायक पवन यादव ने इसी कहावत को सच कर दिखाया।
लैलख, वो इलाका जहां सड़क कम, गड्ढे ज़्यादा हैं और गंगा का कटाव रास्तों को सालों से निगल रहा है। मरम्मत का काम चल रहा है, मगर काम की रफ्तार में वो जान नहीं जो चुनावी भाषणों में होती है।
दरअसल, कोर्ट जा रहे थे विधायक जी। जाम में फंस गए। फिर क्या था – जनता के एक ‘जन प्रतिनिधि’ ने बाइक पकड़ ली।
युवक चंदन पांडे बाइक चला रहे थे, बीच में उनके दोस्त अमन कुमार, और पीछे… खुद विधायक जी। तीनों सिर पर हेलमेट नहीं, लेकिन सवालों की बौछार तैयार।
चंदन ने पूछा – “विधायक जी, ये सड़क अब तक क्यों नहीं बनी?” इस पर विधायक जी बोले –”कई बार ठेकेदार से कहे कि पुल-पुलिया बना दो, लेकिन वो सुनता ही नहीं है!”
बता दें कि इसी जाम और गड्ढों को मुद्दा बनाकर कारण पिछले बिहार विधानसभा का पवन यादव ने चुनाव लड़ा था और उन्हें लोगों ने अपार वोट से जिताया था। आज हालत यह है कि विधायक खुद ही इस खराब सड़क और गड्ढे के कारण लगने वाले जाम में फंस गए तो अपनी लाचारी दिखाकर दोष ठेकेदार का बता रहे हैं।