- गंगा के घटते जलस्तर के बावजूद कटाव से मचा हड़कंप, घटिया निर्माण की आशंका, ग्रामीणों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, नवगछिया
इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर बनाए गए स्पर संख्या-9 में रविवार रात करीब आठ बजे एक बार फिर गंगा के भीषण कटाव ने हड़कंप मचा दिया। यह वही स्पर है, जिस पर महज 27 दिन पहले जल संसाधन विभाग ने छह करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर कटाव निरोधी कार्य पूरा किया था। अब यह निर्माण मात्र एक महीने भी टिक नहीं सका।
जानकारी के अनुसार, एभरग्रीन कंपनी द्वारा जल संसाधन विभाग के निर्देश पर 145 मीटर लंबी बोल्डर क्रेटिंग की गई थी। काम 30 जून को पूरा हुआ था, लेकिन 27 जुलाई की रात को ही करीब 70 से 75 मीटर क्षेत्र में तटबंध का हिस्सा ढह गया।
ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए बताया कि घटिया सामग्री और दिखावटी निरीक्षण के कारण यह हालात बने। उन्होंने कहा कि “उड़नदस्ता और क्वालिटी कंट्रोल टीम ने केवल खानापूर्ति की, जिससे ठेकेदारों को मनमानी करने का मौका मिल गया।”
कटाव के वक्त नाकाम रहा विभाग, फ्लड फाइटिंग बनी मज़ाक
मौके पर विभाग की नाकामी भी उजागर हुई।
फ्लड फायटिंग के नाम पर केवल एक ठेकेदार के कुछ मजदूर ही बालू और बांस की बोरियां डालते नजर आए, जिससे यह स्थिति “ऊंट के मुंह में जीरा” जैसी बन गई। जबकि विभाग के पास इस कार्य के लिए 33 निबंधित ठेकेदार हैं और सभी को बोरियां पहले से ही मुहैया कराई गई हैं। मौके पर पहुंचे कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार ने बताया,”स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फ्लड फाइटिंग कार्य में तेजी लाई जा रही है। सभी संसाधनों को सक्रिय किया गया है ताकि कटाव को और फैलने से रोका जा सके।”

जांच नहीं तो आंदोलन करेंगे ग्रामीण, घटिया निर्माण पर फूटा गुस्सा
वहीं दूसरी ओर, ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि यदि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच नहीं कराई गई और घटिया निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि लापरवाही जारी रही तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे।
खास बातें
स्पर संख्या-9 पर हुआ निर्माण सिर्फ 27 दिन में हुआ ध्वस्त
6 करोड़ की लागत से कराया गया था कटाव रोधी कार्य
ग्रामीणों ने गुणवत्ता पर उठाए सवाल, भ्रष्टाचार की आशंका
विभागीय निरीक्षण को बताया औपचारिकता
फ्लड फायटिंग कार्य में लापरवाही, सीमित मजदूर, सीमित संसाधन
उच्चस्तरीय जांच की मांग और प्रशासन पर सवाल