अतिथि शिक्षकों की सेवा स्थायी करने एवं 65 वर्ष तक सेवानिवृत्ति आयु निर्धारित करने की मांग

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर

राज्य के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वर्षों से शिक्षण सेवा दे रहे बिहार सरकार के अतिथि शिक्षकगण ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह आग्रह किया है कि उनकी सेवा को स्थायित्व प्रदान किया जाए और सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित की जाए।

इस संदर्भ में डॉ. आनंद कुमार, अतिथि शिक्षक (व्याख्याता) एवं प्रदेश प्रवक्ता, जद(यू) शिक्षा प्रकोष्ठ, बिहार, ने एक ईमेल पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से रखा है।

डॉ. कुमार ने कहा कि—”राज्य सरकार के नियम, कैबिनेट निर्णय एवं आरक्षण नीति के तहत सभी अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियाँ एक पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत हुई हैं। हम सभी शिक्षक वर्षों से निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में लगे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। अतिथि शिक्षकों की सेवा को स्थायी कर, उन्हें 65 वर्ष तक कार्य करने का अवसर देना उन्हीं सुधारों की अगली कड़ी बन सकती है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतरता बनी रहेगी और शिक्षकों का मनोबल भी ऊँचा होगा।

डॉ. कुमार ने यह भी उल्लेख किया कि देश के कई राज्यों एवं केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित है, ऐसे में बिहार के शिक्षकों को भी यह सुविधा दी जानी चाहिए ताकि अनुभवी और योग्य शिक्षकों की सेवाएं लंबे समय तक उपलब्ध रह सकें।