न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
जिले के भूधरनी गांव में नल-जल योजना पिछले दो वर्षों से पूरी तरह ठप पड़ी है। गांव में लगे बोरिंग के फेल हो जाने के बाद से लगभग 400 की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। लोग मजबूरी में कुएं और हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर हैं, वह भी पर्याप्त और सुरक्षित नहीं मिल पा रहा।
ग्रामीणों ने जताया रोष
ग्रामीण बरिंद्र झा, सुधीर झा, मंटू पासवान, संतोष पासवान और अशोक कुमार ने बताया कि पुराने बोरिंग के स्थान पर डीप बोरिंग की जरूरत है, तभी स्थायी समाधान संभव है। लेकिन पीएचईडी (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) छोटे प्लांट से काम चलाने की कोशिश कर रहा है, जो इस इलाके की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएगा।
टंकी भी हो चुकी है क्षतिग्रस्त
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की जल टंकी भी जर्जर हो चुकी है, जिससे कभी भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं।
ग्रामीणों की चेतावनी: जल्द समाधान नहीं होगा तो आंदोलन
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
पीएचईडी की सफाई
इस मामले में कनीय अभियंता नेहा चौधरी ने जानकारी दी कि गांव में नई बोरिंग के लिए मिस्त्री और उपकरण भेजे गए थे, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण काम रुक गया। उन्होंने कहा कि श्रावणी मेला समाप्त होते ही डीप बोरिंग के लिए एस्टीमेट तैयार कर, नई बोरिंग कराई जाएगी।