Exclusive : टाउन प्लानिंग एरिया में जमीन की प्लॉटिंग और रजिस्ट्री पर रोक, रेरा ने प्लॉटरों पर कसा शिकंजा

  • रेरा की ओर से 12 प्लॉटरों को नोटिस, जमीन की रजिस्ट्री पर रोक के लिए जिला प्रशासन को भेजा गया दिशा निर्देश

मदन, भागलपुर

भागलपुर के टाउन प्लानिंग एरिया में जमीन की खरीद बिक्री में अब प्लॉटरों की मुश्किलें बढ़ गयीं है। इसके लिए रेरा ने प्लानिंग एरिया में जमीन का कारोबार करने वाले प्लॉटरों पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उन इलाके के करीब 12 प्लॉटरों को नोटिस भेजा है और वहां की जमीन रजिस्ट्री करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है। इसके साथ ही प्लॉटर वहां की जमीन की प्लॉटिंग भी अभी नहीं कर सकेंगे। अब उन प्लॉटरों को सबसे पहले केवाला और नक्शा रेरा से स्वीकृत करना पड़ेगा।

साथ उन प्लॉटरों के खिलाफ रेरा में केस भी चल रहा है। पटना में जाँच पदाधिकारी संजय कुमार के पास केस चल रहा है। अब जब तक उनलोगों के खिलाफ चल रहे केस की सुनवाई पूरी नहीं होगी और इस मामले में आदेश नहीं आएगा, तब तक वहां की जमीन की रजिस्ट्री प्लॉटर नहीं करवा सकेंगे। इसके साथ ही प्लानिंग एरिया में पड़ने वाले 262 गांव की जमीन की प्लॉटिंग भी नियम के खिलाफ नहीं हो सके, इसके लिए भी रेरा की ओर से कार्रवाई की जा रही है। जिन प्लॉटरों के खिलाफ केस चल रहा है , वे प्लॉटिंग नहीं कर सके, इसके लिए रेरा की ओर से डीएम, एसएसपी, रजिस्ट्रार, एसडीओ और संबंधित सीओ को पत्र भेजकर जरुरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। डीएम को पत्र के माध्यम से रजिस्ट्रार को रजिस्ट्री नहीं हो , इसके लिए निर्देश अपने स्तर से देने के लिए कहा गया है। साथ ही एसएसपी को संबंधित थानेदार को निर्देश देने के लिए पत्र भेजा गया है।

500 वर्गमीटर जमीन की प्लॉटिंग के लिए भी रेरा से निबंधन जरुरी

जानकर बताते हैं कि रेरा अधिनियम के अनुसार 500 स्क्वायर मीटर (लगभग 5400 वर्ग फीट) अथवा 9 यूनिट के भवन निर्माण अथवा प्लॉटिंग करने पर रेरा निबंधन आवश्यक है। बिना निबंधन के विज्ञापन अथवा बुकिंग अवैध है और ऐसा करने पर कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान है। भवन निर्माण क्षेत्र में जागरूकता के कारण इस नियम का पालन अब लगभग होने लगा है। जमीन बिक्री के क्षेत्र में ऐसा अभी तक नहीं हो पा रहा था। चूँकि जमीन बिक्री का व्यवसाय मुख्यतः अनियोजित तरीके से होता रहा है और बड़े प्लॉट को विकसित कर बेचने का सिलसिला भागलपुर क्षेत्र में कम ही है। इसलिए रेरा निबंधन के प्रति जागरूकता कम है। ग्राहक हित कि रक्षा के लिए पिछले दिनों रेरा बिहार ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे गैर निबंधित अपार्टमेंट अथवा प्लॉट बिक्री के विरुद्ध मुहिम छेड़ रखी है।

रेरा ने की जांच, बड़े पैमाने पर नियम का उल्लंघन मिला

सबौर, गोराडीह, जगदीशपुर, नाथनगर एवं सुल्तानगंज आदि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जांच की गयी और जहां भी नियम का उल्लंघन मिला, वहाँ पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। निबंधन विभाग को भी इस बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। जमीन व्यवसाय से जुड़े एक कारोबारी ने बताया कि बिहार जैसे राज्य में अपार्टमेंट निर्माण तथा जमीन खरीद बिक्री रोजगार, नियोजन तथा राजस्व का मुख्य स्त्रोत है. इसलिए सरकार पालन के साथ ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस का भी ख्याल रखे। रेरा निबंधन में अमूमन 2 -6 महीने लग जाते हैं, निबंधन के बाद कई जटिल रिपोर्ट की प्रक्रिया है तथा अव्यवहारिक दंड का प्रावधान है, जिसपर विभाग को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। साथ ही निजी जमीन की व्यक्तिगत जरुरत के लिए जमीन बिक्री पर नियमों की स्पष्टता की भी जरुरत है, ताकि अनावश्यक परेशानी से बचा जा सके।

रेरा की ओर से पत्र भेजा गया गया है। इसमें जिन प्लॉटरों को नोटिस दिया गया है और जिनके खिलाफ केस चल रहा है , उन सबकी जानकारी दी गयी है। साथ ही उन प्लॉटरों द्वारा जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जा सके, उस पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है , इस दिशा में कार्रवाई की जा रही है।

-विनय सौरव, एडिशनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर

ग्राहक हित के लिए रेरा अधिनियम सार्थक कदम है। बिहार जैसे राज्य में अपार्टमेंट निर्माण तथा जमीन खरीद बिक्री रोजगार, नियोजन तथा राजस्व का मुख्य स्त्रोत है। इसलिए सरकार पालन के साथ ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस का भी ख्याल रखे।

-आलोक अग्रवाल, अध्यक्ष, क्रेडाई

टाउन प्लानिंग एरिया में 262 गांव, जहां रेरा से नक्शा पास कराये बिना नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री

बता दें की भागलपुर शहर के आसपास के 262 गांवों को मिलाकर एक टाउन प्लानिंग एरिया बनाया गया है, जिसमें शहर का विस्तार होगा। इस प्लानिंग एरिया में तीन शहरी प्रशासनिक इकाइयां – नगर निगम, हबीबपुर नगर पंचायत और सबौर नगर पंचायत – शामिल होंगी, साथ ही दो सेंसस टाउन शाहजंगी और नूरपुर भी शामिल है। इस प्लानिंग एरिया में 262 गांव शामिल हैं। इनमें 90 जगदीशपुर, 103 नाथनगर, 59 सबौर और 10 गोराडीह के हैं. इस प्लानिंग एरिया का कुल क्षेत्रफल 218.28 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 30.50 वर्ग किलोमीटर शहरी क्षेत्र और 186.53 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है।

भागलपुर प्लानिंग एरिया की ये है चाैहद्दी

उत्तर: पश्चिमी भाग में नाथनगर प्रखंड के करणपुर, हरिदासपुर, गाेसाईंदासपुर, रत्तीपुर, दिलदारपुर, शंकरपुर से हाेते हुए सबाैर प्रखंड के बरारी, जियाउद्दीनपुर।

दक्षिण: पूर्वी भाग में सबाैर प्रखंड के गाेहरिया, तालमुबारक, ताल इस्लाम, हरिपुर, श्रीपुर, भिट्ठी हाेते हुए गाेराडीह के विशनपुर जिच्छाे से जगदीशपुर ब्लाॅक के फतमाचक, बरबिगहिया, सन्हाैली, फुलवरिया, कनकैथी आरजी, नारायणपुर काेला, दाैलतपुर से हाेते हुए नाथनगर के कजरैली, धावा कजरैली, तेतरहाट, शाहपुर, तमाैरी, वाली माेहम्मदपुर, विशुनपुर आरजी, बहादुरपुर, दुर्गापुर, गुड्डी, भट्टाचक, परनपुर, भदाैरिया, जगन्नाथपुर, हसनचक, गाेलाहू।

पूरब: उत्तरी भाग में सबाैर ब्लाॅक के गाेपीनाथपुर, नवीपुर, खनकित्ता, दीनमहमदपुर, राजपुर, तालमुबारक, ताल सहादत, रसूलपुर, दादपुर।

पश्चिम: दक्षिण भाग में नाथनगर ब्लाॅक में मनियारपुर चाैर, भाेलापुर, जैतीपुर आरजी, भरत रसूलपुर।