न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) एक बार फिर विवादों के घेरे में है। PET परीक्षा और प्राचार्य नियुक्तियों को लेकर बड़े पैमाने पर घोटालों और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। इस पूरे मामले को लेकर छात्र संगठन अखिल बिहार छात्र एकता ने प्रेस कांफ्रेंस कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का आरोप
छात्र संगठन के संयोजक बमबम प्रीत ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार और योग्यता की अनदेखी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बीते तीन वर्षों में विश्वविद्यालय में पारदर्शिता नाम मात्र की रह गई है। छात्र नेता ने आरोप लगाया कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उनमें से कई UGC के निर्धारित मानकों को तक पूरा नहीं करते।
चहेते उम्मीदवारों को मिली नियुक्ति?
प्रेस वार्ता में डॉ. अवधेश रजक और डॉ. सत्येंद्र जैसे नामों का उल्लेख करते हुए कहा गया कि उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई। केवल सिफारिश और संबंधों के आधार पर चयन किया गया, जो विश्वविद्यालय की साख के लिए खतरा है।
PET परीक्षा में हेराफेरी का आरोप
सबसे चौंकाने वाला आरोप PET परीक्षा को लेकर है। आरोप है कि पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज यादव ने मूल्यांकन समिति का हिस्सा रहते हुए अपने पुत्र को पास कराने के लिए अंकों में हेराफेरी करवाई। छात्र संगठन ने इस प्रकरण की फॉरेंसिक जांच की मांग की है।
नियमों की खुलेआम धज्जियां?
छात्र नेता ने यह भी कहा कि टीएनबी कॉलेज भागलपुर में प्रो. दीपो महतो की नियुक्ति बिना प्रक्रिया पूरी किए कर दी गई, जो नियुक्ति नियमों का खुला उल्लंघन है।
छात्र संगठन की मांगें
पूरे मामले की उच्चस्तरीय स्वतंत्र जांच कराई जाए।
दोषी अधिकारियों और शिक्षकों पर तुरंत कार्रवाई हो।
विश्वविद्यालय में पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया लागू हो।
PET परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की फॉरेंसिक जांच करवाई जाए।