न्यूज स्कैन ब्यूरो,अररिया
बिहार सरकार के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गुलाम रसूल बलियावी इन दिनों सीमांचल के दौरे पर हैं इसी क्रम में बुधवार के देर शाम शहर के जुम्मन चौक स्थित जुम्मन ताहिर मंजिल परिसर में पहुंचे जहां मौजूद समाजसेवी जाबिर अंसारी ने दर्जनों लोगों के साथ उनका माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया। परिसर में जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें उन्होंने बिहार सरकार के द्वारा मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए चलाये जा रहे विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने मौजूद लोगों को भी संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के द्वारा जो अल्पसंख्यकों के लिए कल्याणकारी, शैक्षणिक,आर्थिक योजनाएं चलाया जा रहा है, उसका उन्होंने समीक्षा किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार के नीतीश कुमार के सरकार में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। बरसात के मौसम में जहां लोग नाव से जाते थे, बैलगाड़ी चलती थी वहीं आज लोग वहां स्कार्पियो से जाते है। उन्होंने कहा कि वह पूछना चाहते है कि नीतीश सरकार का वह कौन सा योजना स्कीम है। जिसका लाभ सभी को मिला, लेकिन मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नही मिला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह महसूस किया कि शैक्षणिक रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक पिछड़ा हुआ है। उसे शैक्षणिक रूप से ऊपर उठाने की जरूरत है। जिसको लेकर उन्होंने मदरसो पर विशेष ध्यान दिया और तालीमी मरकज, टोला सेवक लाया। जिससे बिहार के किसी भी धर्म के बच्चे, बच्चियां अशिक्षित नही रहे। उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण करा रही है। जहां मुस्लिम मुस्लिम छात्र छात्राओं के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।
आयोग के अध्यक्ष गुलाम रसूल बलियावी ने जनसंवाद के दौरान कहा कि अररिया जिला में जिला प्रशासन ने 600 कब्रिस्तानों को घेराबंदी के लिए चिन्हित किया। जिसमें अबतक लगभग 400 कब्रिस्तानों का घेराबन्दी का कार्य पूरा करा दिया गया है। कहा कि नीतीश कुमार ने बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए विकास का कार्य किया है। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा जो योजना स्कीम चलायी जा रही है उस योजना स्कीम से यहां के जनप्रतिनिधियों ने यहां के जनता को अवगत नही कराया है। आम जनता की मांग है, नीतीश कुमार के अलावा दूसरा स्वीकार नही ये जनभावना है। जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी जाबिर अंसारी, युवा व्यवसाई इजहार अंसारी, तौहीद अंसारी, मुफ़्ती गुलाम अहमद रजा, केरला निवासी मो. सईद, शेख अबुबकर, मौलाना कमरुज्जमा साहब, मौलाना शराफत हुसैन साहब, मौलाना असलम जमाली साहब, मौलाना इस्लाम साहब, साबिर अंसारी, इबरार अंसारी, शहजादा अंसारी, डा. एके झा, मुर्शिद अंसारी, अफसर आलम, जावेद आलम, फरमुज आलम, सदरूल अंसारी, मो. जिब्रईल, मो. जाकिर, मो. शमीम, तैय्युम अंसारी, मो. मासूम, दिलावर आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।