नवगछिया
नवगछिया में इन दिनों नई-नई इमारतें खड़ी हो रही है। इन इमारतों को बनाने के लिए छरी और बालू का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। इसके लिए नवगछिया के व्यापारियों ने डिपो खोल लिया है। लेकिन, अधिकांश डिपो संचालकों के पास लाइसेंस नहीं है।
ये लोग खनन विभाग से लाइसेंस प्राप्त करने में भी कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके कारण खनन विभाग को राजस्व का भारी नुक्सान हो रहा है। जिला खनन विभाग ने जानकारी दी है कि नवगछिया अनुमंडल में एक भी लक्ष्सेंसी डिपो नहीं है। इसके बावजूद अनुमंडल में 500 दुकाने चल की हैं। आश्चर्य की बात यह कि अवैध रूप से चल रहे बालू और छड़ी डिपो के संचालकों के खिलाफ विभाग कोई कार्यवाई नहीं कर गहा है। छरी और बालू के डिपो संचालकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि वे लोग जिला में लाइसेंस बनवाने के लिए जाते हैं। लेकिन, खनन विभाग द्वाला कोई पहल नहीं की जाती है। विभाग लाइसेंस निर्गत नहीं करता है। विभाग के अधिकारी हर महीने डिपो संचालकों से मोटी रकम वसूलते हैं। बता दे कि इस पूर्व भी आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने सूचना अधिकार से खनन विभाग की रिपोर्ट मांगी थी जिस पर विभाग ने कहा था कि नवगछिया में एक भी लाइसेंस धारी दुकान नहीं है।

अवैध रूप से मिट्टी के खनन करने वालों पर भी कार्रवाई नहीं
नवगछिया में सफेद बालू का अवैध रूप से खनन हो रहा है। गंगा और कोसी किनारे से सफेद बालू का खनन करने के बाद माफिया जिलेभर में आपूर्ति करते हैं। जिला खनन कार्यालय के मुताबिक, सीओ को इस संबंध में जांच करने का जिम्मा दिया गया था, लेकिन अब तककार्रवाई शुन्य है। दूसरी ओर इन दिनों नदियों के किनारे अवैध रूप से मिट्टी की कटाई भी की जा रही है। मिट्टी खनन करने वालों पर भी न तो पुलिस और न ही विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है। इससे नदी के किनारे कई जगहों पर बड़-बड़े गड्ढे बन गए हैं।
निर्माण सामग्री बेचने के लिए ये हैं नियम
बिना लाइसेंस वाले निर्माण सामड़ी बेचने वालों के खिलाफ खनन विभाग की ओर से दंड का प्रावधान है। फिर भी इन प्रावधानों को दरकिनार करते हुए धड़ल्ले से बिना लाइसेंस के निर्माण सामाग्री बेची जा रही है। अवैध लघु खनिज भंडारण 2003 के तहत भंडारित लघु खनिज का बाजार मूल्य निर्धारित किया जाता है। भुगतान नहीं किये जाने पर पीडीआर 1914 के तहत नीलाम पत्र दायर किया जाता है। अगर आंकड़ा देखें तो अब तक बिना लाइसेंस वाले निर्माण सामश्री बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
खनन इंस्पेक्टर ने जवाब देने के बजाय काट दिया फोन
जिला खनन विभाग के इंस्पेक्टर से जब इस संबंध में जानकारी लेने के लिए फोन किया तो उन्होंने कहां की बिना लाइसेंस धारी डिपो पर कार्रवाई की जाएगी।