राज्य में संचालित 23 जीविका दीदी की नर्सरी से होगी बड़ी संख्या में पौधों की आपूर्ति
ग्लोबल वार्मिंग से उत्पन्न खतरों से निपटने में मददगार बन रहीं जीविका दीदियाँ
भागलपुर। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए बिहार ने कमर कस लिया है। इसके लिए राज्य में संचालित किये जा रहे जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत प्रत्येक वर्ष भारी संख्या में पौधे लगाए जाते हैं। इस बाबत जीविका दीदियाँ भी हर साल अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाकर बिहार में हरित आवरण बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग कर रही हैं। भागलपुर जिले में इस वर्ष भी जीविका दीदियों द्वारा 2 लाख 54 हजार से अधिक पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में 28,554 जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 3 लाख 39 हजार से अधिक दीदियों द्वारा कम से कम एक पौधे लगाने का संकल्प लिया गया है। जीविका दीदियों के इस संकल से बिहार को जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
दरअसल राज्य में पर्यावरण संरक्षण हेतु राज्य के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 9 अगस्त 2019 को ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ की शुरुआत की गई थी। इस अभियान के तहत प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ के तहत निर्धारित पौधारोपण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जीविका दीदियाँ भी कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रही हैं। इसी कड़ी में इस वर्ष भी ढाई लाख से अधिक पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

खास बात यह है कि भारी संख्या में किये जा रहे पौधारोपण हेतु बड़े पैमाने पर शिशु पौधों की दरकार होगी। ऐसे में जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की नर्सरी से ही शिशु पौधे की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। जिले में इस समय जीविका दीदियों द्वारा कुल 23 दीदी की नर्सरी संचालित की जा रही है। इनमें से 16 दीदी की नर्सरी का आवंटन मनरेगा के तहत किया गया है जबकि 9 दीदी की नर्सरी का संचालन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की मदद से की जा रही है। इसके तहत जीविका दीदियों को नर्सरी लगाने हेतु प्रशिक्षित किया गया है। जीविका दीदियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पौधों से बड़ी संख्या में वृक्षारोपण के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। जीविका के संचार प्रबंधक ने बताया कि पिछले साल भी जीविका दीदियों द्वारा 2 लाख से अधिक पौधे लगाए गए थे। जैव विविधिता को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के पौधे लगाए जा रहे हैं।

मसलन- पर्यावरण संरक्षण एवं आॅक्सीजन की अधिकतक उपलब्धता हेतु पीपल, नीम जैसे औषधीय महत्व के पेड़ लगाए जा रहे हैं तो वहीं आम, अमरूद, नारियल, नींबू, बेल जैसे फलदार वृक्ष के पौधे के साथ ही कटहल, सहजन जैसी सब्जियों के उपयोग वाले पौधे और सागवान, महोगनी जैसे इमारती लकड़ियों के पौधे लगाए जा रहे हैं। ये पौधे भविष्य में जीविका दीदियों के परिवार की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ ही आय अर्जित करने का भी माध्यम बनेगा। यही कारण है कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत राज्य में व्यापक पैमाने पर पौधारोपण करने से न केवल राज्य का हरित आवरण बढ़ रहा है बल्कि इससे जीविका दीदियों के घर खुशिहाली भी आई है।