राज्यपाल ने कहा-एक ही घर में एक भाई हनुमान मंदिर जाता है, तो दूसरा शिव मंदिर, क्या इससे झगड़ा होना चाहिए?

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अपने दो दिवसीय दौरे पर किशनगंज पहुंचे

न्यूज स्कैन ब्यूरो। किशनगंज
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को किशनगंज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत विविधताओं का उत्सव मनाने वाला देश है। उन्होंने कहा, “हमारे देश में रंग, रूप, भाषा, बोली, पूजा-अर्चना और इबादत की विभिन्नताएं हैं, फिर भी हम एकजुट हैं।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “एक ही घर में एक भाई हनुमान मंदिर जाता है, तो दूसरा शिव मंदिर, क्या इससे झगड़ा होना चाहिए?”

राज्यपाल तौहीद एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित जामिया हमदर्द वोकेशनल एंड स्किल सेंटर के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने किशनगंज जिले की भौगोलिक और कृषि विविधता की सराहना करते हुए कहा, “यह जिला बेहद खूबसूरत है, इसकी सीमा बंगाल से लगती है। यहां चाय, अनानास और मखाना की खेती अत्यंत सराहनीय है।”

राज्यपाल ने अपनी पूर्व भूमिका की याद दिलाते हुए कहा, “जब मैं केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में था और ग्रामीण विद्युतीकरण की समीक्षा कर रहा था, तब भी किशनगंज आया था।”

शिक्षा की अहमियत पर बल

राज्यपाल ने युवाओं को शिक्षा का महत्व समझाते हुए कहा, “इल्म (शिक्षा) हासिल करना सबसे बड़ी बात है। अगर आप कितने भी बड़े आदमी बन जाएं लेकिन खुद को न बदलें तो शिक्षा भी बेकार हो जाती है।” उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है, और हमें भी उसी के अनुरूप खुद को ढालना चाहिए।

राज्यपाल ने आगे कहा, “जिसके पास इल्म और अदब (शिष्टाचार) नहीं है, वो यतीम (अनाथ) के समान है। तालीम (शिक्षा) हमें इस काबिल बनाती है कि हम अपने समय और समाज की ज़रूरतों को समझ सकें।” उन्होंने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि उसमें बताया गया है कि दुनिया में कामयाबी कैसे मिलती है और हमारा कर्तव्य है कि हम समाज और मुल्क के लिए फायदेमंद बनें।

मुस्लिम समुदाय की चर्चा

राज्यपाल ने मुस्लिम समुदाय की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की और शिक्षा को उनके उत्थान का सबसे अहम जरिया बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह हथियार है जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

अन्य वक्ताओं के विचार

इस अवसर पर जामिया हमदर्द के कुलपति प्रोफेसर डॉ. अफसार आलम और तौहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के चेयरमैन मौलाना मतिउर रहमान ने भी शिक्षा की उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किए। मौलाना मतिउर रहमान ने कहा, “तालीम सबसे बड़ी चीज है।”
कार्यक्रम के प्रारंभ में ट्रस्ट के छात्रों को राज्यपाल के हाथों प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।