पटना में सुशासन पर सीधा सवाल : बीच शहर में 19 साल के छात्र की गोली मारकर हत्या

जनवरी से जून तक बिहार में 1376 हत्याएं, सबसे गंभीर हालत पटना की… सरकार और पुलिस पर सीधे उठ रहे सवाल

न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
बिहार की राजधानी पटना में अपराधियों के हौसले एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। चार दिन के भीतर शहर में यह दूसरी बड़ी वारदात है। रविवार सुबह अपराधियों ने 19 वर्षीय छात्र राज कृष्णा को गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, वारदात के बाद मौके से कारतूस का खोखा बरामद किया गया है और जांच के लिए एफएसएल टीम को बुलाया गया है। घायल अवस्था में छात्र को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही वारदातों ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों में दहशत का माहौल है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सरकार की भूमिका पर विपक्ष पहले से ही निशाना साध रहा है। गठबंधन के सहयोगी लोजपा के चिराग पासवान भी कानून व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

पिछले 10 दिनों में घटित गंभीर आपराधिक घटनाएँ :
14 अगस्त: चाकू से हमला कर एक युवक की हत्या की गई, पटना में बढ़ते अपराध की ओर इशारा।
16 अगस्त: इंद्रापुरी इलाके में एक कार में दो भाई-बहन (7 और 5 वर्ष) मृत पाए गए।
14 अगस्त: चार साल के एक बच्चे पर जानलेवा हमला हुआ, उसे बर्बरता से घायल कर दिया गया; स्थिति गंभीर।
10 अगस्त: ग्रामीण पटना के जाउदी चक क्षेत्र में बाइक से आए हमलावरों ने राहुल नाम के युवक को गोली मारी।

सिस्टम पर सवाल हैं लगातार होते अपराध
पिछले कुछ सप्ताह से पटना में कई हत्याओं और हमलों की घटनाओं ने सुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। व्यापारी और भाजपा नेता गोपाल खेमका की हत्या गांधी मैदान के पास कर दी गई। विक्रम झा, एक किराना दुकानदार, और बीजेपी नेता सुरेंद्र केवट की हत्या ने भी कानून-व्यवस्था पर आरोपों को हवा दी। जितेंद्र कुमार नामक वकील को खुलेआम गोली मार दी गई। हाल के दिनों में यह बिहार में तीसरी हाई-प्रोफाइल हत्या थी जो सार्वजनिक जगह पर हुई। पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या ने तो पूरी व्यवस्था पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया। पांच हथियारबंद हमलावरों ने दिनदहाड़े अस्पताल में घुसकर इस घटना को अंजाम दिया।

बिहार में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति:
राज्य में हिंसक अपराध और हथियारों के आसान उपलब्धता के कारण अपराध की संख्या बढ़ रही है। हालिया आंकड़ों में पुष्टि की गई है कि जनवरी से जून 2025 में बिहार में 1,376 हत्या के मामले दर्ज किए गए, जबकि 2024 में कुल 2,786 और 2023 में 2,863 मामले थे। पटना में लगातार हो रहे हिंसक अपराधों ने राजधानी में डर का माहौल बना दिया है। सरकार और पुलिस सिस्टम पर सीधे आरोप लग रहे हैं कि वह कानून व्यवस्था को बनाए रखने में विफल रही है। इन सभी घटनाओं ने चुनाव से पहले सुशासन की हवा बनाने वाली सरकार के लिए भी चुनौती पेश की है।