पारस अस्पताल गोलीकांड: फरार शूटर तौसीफ बादशाह की तलाश में पुलिस की छापेमारी तेज, सोशल मीडिया पर एक्टिव है गैंगस्टर

  • एसएसपी ने कहा -चंदन इतना खतरनाक अपराधी था कि उसे बक्सर से भागलपुर जेल भेजना पड़ा था

न्यूज़ स्कैन टीम। पटना

बिहार की राजधानी में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं, इसका ताज़ा मामला एक बार फिर गुरूवार को शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र स्थित पारस अस्पताल में देखने को मिला। अपराधियों ने अस्पताल के आइसीयू में इलाजरत एक कैदी मरीज को दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी। घटना के बाद अस्पताल में भगदड़ मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जानकारी के मुताबिक, राजाबाजार स्थित पारस अस्पताल के वार्ड में भर्ती एक मरीज को अपराधियों ने अस्पताल परिसर में घुसकर तीन से चार गोलियां मारी। मरीज की पहचान बक्सर निवासी चंदन कुमार उर्फ चंदन मिश्रा के रूप में की गयी है।

कौन था चंदन मिश्रा?

बताया जा रहा है कि चंदन मिश्रा एक आपराधिक पृष्ठभूमि का व्यक्ति था, जो पूर्व में गोलीबारी के एक मामले में बेउर जेल में बंद था। हाल ही में तबीयत बिगड़ने के कारण उसे पैरोल पर छोड़ा गया था। वह इलाज के लिए पारस अस्पताल में भर्ती था। घटना की सूचना मिलते ही शास्त्रीनगर और राजीव नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। इसके साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, चंदन मिश्रा 15 दिन की पैरोल पर बाहर आया था।

पैरोल पर था चन्दन, 18 जुलाई को खत्म होनी थी

चन्दन की पैरोल 18 जुलाई को खत्म होनी थी। उसे 18 जुलाई को पटना के बेउर जेल लौटना था। लेकिन इस बीच उसकी तबीयत बिगड़ने पर पटना के पारस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। चंदन मिश्रा हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। वह पिछले 12 सालों से जेल में था। उसे बक्सर जेल से भागलपुर और फिर भागलपुर से पटना की बेउर जेल में स्थानांतरित किया गया था। वहीँ, एसएसपी का कहना है कि प्रतिद्वंद्वी गिरोह ने चंदन को गोली मारी है। बक्सर निवासी चंदन मिश्रा पर हत्या के कई मामले दर्ज थे। उसे उनमें से एक मामले में दोषी ठहराया गया था। चंदन इतना खतरनाक अपराधी था कि उसे बक्सर से भागलपुर जेल भेजना पड़ा था ।


पटना। पारस अस्पताल गोलीकांड के फरार मुख्य आरोपी तौसीफ रजा उर्फ तौसीफ बादशाह की गिरफ्तारी के लिए पटना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने बुधवार को फुलवारी शरीफ के कई ठिकानों पर छापेमारी की। गुलिस्तान मोहल्ला और मिन्हाज नगर में स्थित उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लगा।

टीम बाद में इस्लामिया स्कूल भी पहुंची, जहां तौसीफ की मां शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को तौसीफ के छिपने के संभावित स्थानों के संबंध में कुछ ठोस सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।


गैंगस्टर बना सोशल मीडिया स्टार: रील्स के जरिए बनाना चाहता था छवि

तौसीफ बादशाह न केवल आपराधिक वारदातों में शामिल है, बल्कि वह खुद को सोशल मीडिया पर ‘स्टार’ के रूप में पेश करने की कोशिश करता रहा है। X (पूर्व ट्विटर) पर @TauseefBadshah1 नाम से उसका अकाउंट सक्रिय है, जिसपर उसने कई रील्स और स्टाइलिश वीडियो अपलोड किए हैं।

30 जून को अपलोड किए गए उसके आखिरी वीडियो में लिखा गया था:
“लोग बातें बनाते रह जाएंगे और हम कहानी बना कर छोड़ जाएंगे!!”
एक अन्य पोस्ट में उसने लिखा है:
“लोगों के आगे-पीछे करके बदमाश नहीं बना हूं, महफिल खाली करा दी है जहां भी अकेला घुसा हूं।”

इस तरह की भाषा से जाहिर होता है कि तौसीफ खुद को एक ‘गैंगस्टर ब्रांड’ के रूप में स्थापित करना चाहता था और युवाओं के बीच चर्चित होने की कोशिश कर रहा था।


गोलीकांड में शामिल सभी पांच शूटरों की पहचान

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पारस अस्पताल में कुख्यात चंदन मिश्रा पर फायरिंग करने वाले पांच शूटरों की पहचान हो चुकी है।
इनमें शामिल हैं:

  1. तौसीफ रजा उर्फ बादशाह (फुलवारी शरीफ)
  2. आकिब मालिक (फुलवारी शरीफ)
  3. सोनू
  4. कालू उर्फ मुस्तकीम
  5. भिंडी उर्फ बलवंत सिंह (बक्सर निवासी)

इनमें से कई पुराने आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने इस घटना के मास्टरमाइंड, जेल में बंद चंदन मिश्रा से पूछताछ भी की है, जिससे कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं।


जांच में तेजी, जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद

पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगातार तौसीफ और अन्य फरार शूटरों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।

हत्या पर राजनीतिक रिएक्शन

तेजस्वी ने कहा- बिहार में कोई सुरक्षित नहीं

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने X पर पोस्ट किया, अपराधियों ने आईसीयू में घुसकर अस्पताल में भर्ती एक मरीज को गोली मार दी। क्या बिहार में कहीं कोई सुरक्षित है? क्या 2005 से पहले ऐसा होता था? वहीँ दूसरी तरफ जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “क्या आपको याद है, तेजस्वी जी? अपने मम्मी-पापा से पूछ लीजिए। 13 जून 1998 को, राबड़ी देवी की सरकार के दौरान, पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई थी। वह जंगल राज का दौर था। जबकि भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि चंदन कई आपराधिक मामलों में आरोपी था। वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा था और 12 साल से जेल में था।