भोला पासवान शास्त्री पारदर्शिता व सादगी के आदर्श प्रतिमूर्ति थे, कमलपुर में श्रद्धा व उल्लास से मनी उनकी 111वीं जयंती

न्यूज स्कैन ब्यूरो। खगड़िया

खगड़िया के कमलपुर ग्राम में रविवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी और दलित समाज के गौरव स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री की 111वीं जयंती श्रद्धा और उत्साह से मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत प्रधानाध्यापक रामलखन प्रसाद पासवान ने की, जबकि संचालन जदयू जिला प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने किया।कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्री जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर और दीप प्रज्वलित कर हुई।अध्यक्षीय संबोधन में रामलखन प्रसाद पासवान ने कहा कि भोला पासवान शास्त्री तपस्वी राजनेता थे, जिन्होंने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर अपना जीवन राष्ट्र व समाज को समर्पित कर दिया।जदयू नेता सुशांत यादव ने उन्हें जनसेवा का सच्चा प्रतीक बताया। वहीं एससी-एसटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासूकी पासवान तथा जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज कुमार पटेल ने कहा कि शास्त्री जी दलित समाज के गौरव और सर्वहारा वर्ग की बुलंद आवाज थे। उनकी जीवनी अनुकरणीय है।जदयू जिला प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने कहा कि भोला बाबू ने सादगी को आभूषण, ईमानदारी को पूंजी और जनसेवा को जीवन का धर्म सिद्ध किया। तीन बार मुख्यमंत्री रहे शास्त्री जी ने राजनीति में सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और शिक्षा का अलख जगाया। उनकी कृति प्रेरणा स्रोत है।आज समय की मांग है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए और पटना व खगड़िया जिला मुख्यालय में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित हो।जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव उमेश सिंह पटेल व जदयू नेता अविनाश पासवान ने कहा कि भोला बाबू का त्याग और सादगी प्रेरणा का महाकाव्य है।समारोह में प्राचार्य डॉ पुरातन गांधी,प्रधानाध्यापक बालकिशोर पासवान, सेवा निवृत प्रधानाध्यापक सुखनंदन पासवान, सेवा निवृत प्राचार्य सुभाष पासवान, शिक्षक शनातन पासवान, शिक्षक संजय गांधी,साहेब सिंह, रामाशीष पासवान,नागो पासवान, पंकज, शम्भू यादव एवं सुश्री एलीशा एंजल सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी और गणमान्य लोग शास्त्री जी के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।