छह दिन, मंच और युवा प्रतिभा: भागलपुर में रंगमंच कार्यशाला का हुआ आगाज़

  • युवा अभिव्यक्ति कार्यशाला श्रृंखला अंतर्गत छह दिवसीय नाट्य कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार और जिला प्रशासन भागलपुर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को युवा अभिव्यक्ति कार्यशाला श्रृंखला अंतर्गत छह दिवसीय नाट्य कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उद्घाटनकर्ताओं में जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी अंकित रंजन, वरिष्ठ रंगकर्मी रीतेश कुमार, मदन कुमार, मिथिलेश कुमार, शशि शंकर एवं चैतन्य प्रकाश शामिल रहे। इन सभी अतिथियों ने रंगमंच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को इसके जरिए सामाजिक जागरूकता फैलाने की प्रेरणा दी।

चयन प्रक्रिया और प्रतिभागी

इस रंगमंच कार्यशाला के लिए 45 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 30 किशोर और युवा रंगकर्मी का चयन किया गया। सभी चयनित प्रतिभागी लगातार छह दिनों तक रंगमंच की बारीकियों का प्रशिक्षण लेंगे।

प्रशिक्षण सत्र

प्रशिक्षक के रूप में वरिष्ठ रंगकर्मी रीतेश कुमार नाटक की परंपरा और उसकी गहराई के बारे में बताया। नाटक को प्राचीन काल में “पंचम वेद” कहा गया है क्योंकि इसमें संगीत, नृत्य, गायन, वादन, साहित्य और संवाद सभी का समावेश होता है। प्रतिभागियों को रंगमंच के माध्यम से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और संवेदनशील विषयों पर रचनात्मक प्रस्तुति देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कई वरिष्ठ रंगकर्मी मंच संचालन, संवाद अदायगी, अभिनय तकनीक और रंग-भाषा पर विशेष मार्गदर्शन देंगे।

जिला प्रशासन की पहल

जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी अंकित रंजन ने कहा कि यह कार्यशाला युवाओं के लिए अपनी प्रतिभा निखारने का एक अवसर है। उन्होंने घोषणा की कि कार्यशाला के अंतिम दिन प्रतिभागियों की प्रस्तुति पर आधारित एक परख नाटक का आयोजन किया जाएगा, जिससे उनकी सीखी हुई कला को समाज के सामने प्रस्तुत किया जा सके।

कार्यशाला का महत्व

इस कार्यशाला से भागलपुर के रंगकर्मियों को पेशेवर स्तर पर मंचीय अनुभव प्राप्त होगा। साथ ही, युवा कलाकारों में टीमवर्क, संवाद क्षमता और सृजनात्मकता का विकास होगा।