भागलपुर में कवि गोष्ठी आयोजित, साहित्य और संगीत का मिला सुंदर संगम

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर

अखिल भारतीय साहित्यकार परिषद, भागलपुर द्वारा श्री राजेश कुमार रजनीश के परवर्ती स्थित आवास पर एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी की अध्यक्षता महेंद्र प्रसाद निशाकर ने की। मुख्य अतिथि सुनील कुमार पटेल और विशिष्ट अतिथि कांता प्रसाद रहे। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. आशा रानी थीं, जबकि संचालन डॉ. नवीन निकुंज ने किया।

गोष्ठी की शुरुआत संगीतकार कपिल देव कृपाला की सरस्वती वंदना से हुई, साथ ही उन्होंने उपस्थित साहित्यकारों के सम्मान में स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया।

अनीता कुमारी ने “वर दे, वीणा वादिनि वर दे” का सस्वर पाठ किया। राजेश कुमार रजनीश ने गीत “सात स्वरों में शब्द पिरोकर, गीत सुनाने आया हूं, मनमौजी मनभावन मीत बनाने आया हूं” प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कामता प्रसाद ने दांपत्य जीवन में तनाव को रेखांकित करते हुए कहा, “भौतिक सुख पाकर पत्नी को हो गया अहम, अतुल और मानव का निकाल दिया दम।” कवि विनय कबीरा ने नारी सम्मान पर प्रकाश डालते हुए कहा, “नारी का सम्मान करोगे तो घर स्वर्ग बन जाएगा।”

कपिल देव कृपाला ने शहीद राजगुरु के जन्मदिन पर कविता पाठ किया और कहा, “तेरे समान ऐ शहीदों वीर है कहां।” कवि सुनील कुमार पटेल ने राजनीति पर व्यंग्य करते हुए कहा, “मिले जिधर मौका, ले लो उधर ही साईड।” कवि महेंद्र प्रसाद निशाकर ने प्रेम और स्वार्थ पर प्रकाश डालते हुए कहा, “इस दौर में मुहब्बत करना मुश्किल हो गया है, दिल दौलत के ढेर पर कहीं खो गया है।”

कवि अजीत कुमार शान्त ने लोकतंत्र पर कविता पाठ किया, “ओ लोकतंत्र के पहरेदार, संभल जा।” कवयित्री डॉ. आशा रानी ने राजेश जी की रचना “सुनो सुनो सुनाऊं एक गीत रे” का सस्वर पाठ प्रस्तुत किया।अंत में संचालन करते हुए डॉ. नवीन निकुंज ने कहा, “आप आये तो वक्त भी ठहर गया है, खुशियों से मन का आंगन भर गया है।” कार्यक्रम के अंत में कविवर गोपाल सिंह नेपाली को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।