भागलपुर जिले में विधानसभा चुनाव के दौरान निषेधाज्ञा लागू

  • जिला दंडाधिकारी ने जारी किए सख्त आदेश, चुनाव प्रचार में शस्त्र प्रदर्शन पर रोक


न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
जिला दंडाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी, भा.प्र.से. ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के अंतर्गत भागलपुर जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी माहौल को देखते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
यह कदम भारत निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट संख्या-ECI/PN/316/2025, दिनांक 06.10.2025 के अनुरूप उठाया गया है।
निर्वाचन आयोग ने भागलपुर जिले के निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए विधानसभा आम निर्वाचन-2025 की घोषणा की है:
152-बिहपुर
153-गोपालपुर
154-पीरपैंती (अ०जा०)
155-कहलगांव
156-भागलपुर
157-सुलतानगंज
158-नाथनगर
नामांकन प्रक्रिया 13 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी। निर्वाचन की घोषणा की तिथि से ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है।
प्रमुख निर्देश:
किसी भी व्यक्ति, राजनीतिक दल या संगठन द्वारा सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन व ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना अनुमति नहीं किया जाएगा।
ध्वनि विस्तारक यंत्र रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक निषेध रहेगा।
कोई भी व्यक्ति या संगठन आपत्तिजनक पोस्टर, पर्चा, आलेख, फोटो या सोशल मीडिया/व्हाट्सएप/एसएमएस के माध्यम से संदेश साझा नहीं करेगा।
धार्मिक स्थलों का राजनीतिक प्रचार और साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास निषिद्ध है। मतदाताओं को डराने, धमकाने या प्रलोभन में लाने का कोई प्रयास नहीं किया जाएगा।
प्रदूषण फैलाने वाले प्रचार सामग्रियों का प्रयोग प्रतिबंधित है।
कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, गड़ासा या अन्य घातक हथियार प्रदर्शन नहीं करेगा।
यह आदेश परंपरागत शस्त्रधारी समुदाय और सुरक्षा/निर्वाचन कर्मियों पर लागू नहीं होगा। सभी राजनीतिक दल/व्यक्तियों/संगठनों को निर्वाचन आयोग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
चुनाव प्रचार में वाहनों का उपयोग केवल आयोग द्वारा अनुमति प्राप्त पद्धति और संख्या में ही किया जा सकेगा।
वाहनों पर प्रचार सामग्री निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार ही होगी।
नामांकन और चुनाव प्रचार के समय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित सीमाओं का पूर्ण पालन अनिवार्य है।
पूर्व अनुमति प्राप्त शादी, बारात, शव यात्रा, अस्पताल जाने वाले लोग, स्कूल/कॉलेज जाने वाले छात्र एवं सरकारी कर्मचारी/पुलिस कर्मी इस आदेश से मुक्त होंगे।
जिला दंडाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह आदेश चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक अथवा अधिकतम 60 दिनों तक लागू रहेगा।