न्यूज स्कैन डेस्क , महाराष्ट्र
पुणे जिले के बारामती शहर में बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य शाखा प्रबंधक शिवशंकर मित्रा ने बैंक परिसर के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह हृदयविदारक घटना शुक्रवार देर रात सामने आई। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने ‘वर्क प्रेशर’ यानी काम के अत्यधिक दबाव को अपनी मौत का कारण बताया है। पुलिस के अनुसार, शिवशंकर मित्रा पहले ही इस्तीफा दे चुके थे और नोटिस पीरियड पर चल रहे थे। सुसाइड नोट में उन्होंने साफ तौर पर लिखा है कि उनकी आत्महत्या के लिए न तो कोई सहकर्मी जिम्मेदार है और न ही परिवार।
बैंक ऑफिस के अंदर लगाई फांसी
बारामती सिटी थाना क्षेत्र की इस घटना की जानकारी तब सामने आई जब देर रात करीब 10 से 12 बजे के बीच मृतक के घर नहीं लौटने पर पत्नी ने पुलिस को सूचना दी। जब बैंक के कर्मचारियों ने भीतर जाकर देखा, तो शाखा प्रबंधक शिवशंकर मित्रा को फांसी के फंदे से लटका पाया गया। पुलिस ने मौके से शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
इस्तीफा देने के बाद भी तनाव में थे मैनेजर
जानकारी के मुताबिक, 11 जुलाई को शिवशंकर मित्रा ने स्वास्थ्य समस्याओं और बढ़ते कार्यभार का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे नोटिस पीरियड पर चल रहे थे और नियमित रूप से ड्यूटी कर रहे थे। लेकिन मानसिक तनाव से वे उबर नहीं सके।
बारामती सिटी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर विलास नाले ने बताया, “शव की जेब से बरामद सुसाइड नोट में साफ लिखा गया है कि आत्महत्या का कारण काम का दबाव है। किसी को दोषी न ठहराया जाए। हम अब आत्महत्या के पीछे की परिस्थितियों की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
जांच जारी, परिवार सदमे में
पुलिस फिलहाल सुसाइड नोट, बैंकिंग व्यवहार, और मृतक के हालिया कार्य व संवादों की जांच कर रही है। वहीं मृतक का परिवार इस अप्रत्याशित घटना से गहरे सदमे में है।
कुछ सुलगते हुए सवाल
क्या बैंक प्रबंधन ने वर्क प्रेशर को लेकर पहले कोई शिकायत दर्ज कराई थी?
इस्तीफे के बावजूद किस प्रकार का मानसिक दबाव बना रहा?
कार्यस्थल पर सहकर्मियों की भूमिका को लेकर पुलिस क्या निष्कर्ष निकालती है?