न्यूज़ स्कैन ब्यूरो | पटना
बिहार की सियासत में कभी जिन बाहुबलियों की तूती बोलती थी, आज वही सत्ता के गलियारों में उपेक्षा के शिकार नज़र आ रहे हैं।
“भूराबाल को साफ करने” का नारा लगाने वाले अशोक महतो अब खुद “साफ” होते दिख रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक़, बाहुबली छवि वाले अशोक महतो हाल ही में राजद प्रमुख तेजस्वी यादव से मुलाकात के लिए पहुंचे थे, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी न मिलने का अवसर मिला, न टिकट की कोई आशा।
यह वही अशोक महतो हैं जिनका नाम एक दौर में फिल्म ‘खाकी’ के किरदारों में गूंजा करता था।
लोकसभा चुनाव से विधानसभा तक… अपमान की कहानी
राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश में अशोक महतो ने 60 वर्ष की आयु में विवाह किया और अपनी पत्नी को लोकसभा चुनाव में जेडीयू के दिग्गज ललन सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा। परिणाम अपेक्षित ही रहा… हार गए।
अब विधानसभा चुनाव से पहले फिर टिकट की जुगाड़ में हैं, मगर इस बार भी दरवाज़े बंद मिल रहे हैं।
राजद ने न कोई संकेत दिया, न कोई संदेश।
तेजस्वी के दरवाज़े से लौटे बाहुबली अशोक महतो
