न्यूज़ स्कैन ब्यूरो, कैमूर
चार दिवसीय माँ मुंडेश्वरी कला महोत्सव का समापन मंगलवार को हुआ। इस महोत्सव में बिहार और उत्तर प्रदेश से आए नामी कलाकारों ने अपनी कला प्रस्तुत की, वहीं स्कूली बच्चों ने भी पेंटिंग प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। समापन समारोह में सभी कलाकारों और प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे चित्रकार सुनील विश्वकर्मा, जिन्होंने अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित होने वाले श्रीरामलला की मूर्ति के स्वरूप को अपनी चित्रकारी से गढ़ा है। वर्तमान में वे राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ और महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के ललित कला विभाग के अध्यक्ष हैं।
सुनील विश्वकर्मा ने बताया कि राम जन्मभूमि पर स्थापित श्रीराम चन्द्र की मूर्ति का स्वरूप तैयार करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था। देशभर से 82 कलाकारों ने अपनी चित्रकारी प्रस्तुत की थी, जिसमें उनका चित्र अंतिम रूप से चयनित हुआ। उन्होंने बताया कि “रामलला के स्वरूप को पाँच वर्षीय बालक के रूप में गढ़ना सबसे कठिन था, लेकिन वही आज अयोध्या मंदिर में स्थापित है।”
महोत्सव के दौरान पूर्व भभुआ विधायक रिंकी रानी पांडेय, भाजपा जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय, कवि रत्नेश चंचल सहित कई स्कूलों के प्रिंसिपल और संचालक मौजूद रहे।
इस महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य माँ मुंडेश्वरी मंदिर परिसर में बंद पड़े म्यूजियम को पुनः खोलने की मांग रहा। आयोजकों का कहना है कि मंदिर परिषद में कई ऐतिहासिक अवशेष बिखरे पड़े हैं, जिन्हें म्यूजियम में सुरक्षित रखा जा सकता है। लेकिन अब तक म्यूजियम केवल नाम मात्र का ही बना है, जबकि प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
कला कृति मंच के संयोजक अमरीश तिवारी ने कहा कि “माँ मुंडेश्वरी महोत्सव इसी अभियान की शुरुआत है। यदि म्यूजियम खोला जाए तो माँ मुंडेश्वरी धाम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रदर्शित किया जा सकेगा।”