अररिया में चार दिन से जला ट्रांसफार्मर नहीं बदला, अभियंता हुए निलंबित, कार्यपालक अभियंता से मांगा गया स्पष्टीकरण


न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
त्योहारों के मौसम में जहां राज्य सरकार ने निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, वहीं अररिया जिला के पटेगना दुर्गा मंदिर चौक से पूर्व स्थित ट्रांसफॉर्मर पिछले चार दिनों से जला हुआ है। उपभोक्ताओं की लगातार शिकायतों के बावजूद अब तक उस ट्रांसफॉर्मर को बदला नहीं गया। इस लापरवाही पर ऊर्जा विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए जिम्मेदार पदाधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस मामले में विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, अररिया के सहायक विद्युत अभियंता विकास कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं, विद्युत आपूर्ति प्रशाखा, बोची (अररिया) के कनीय विद्युत अभियंता अजय पंडित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
ऊर्जा विभाग के अवर सचिव शैलेन्द्र कुमार झा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दिनांक 14 अक्टूबर 2025 को ग्राम पटेगना, दुर्गा मंदिर चौक के समीप ट्रांसफॉर्मर जल जाने की सूचना स्थानीय उपभोक्ताओं ने दी थी, लेकिन 17 अक्टूबर 2025 तक ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला गया।
अवर सचिव द्वारा जारी पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि 4 सितंबर 2025 को अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक महोदय की अध्यक्षता में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ जैसे पर्वों के मद्देनजर शहरी क्षेत्रों में 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे के भीतर खराब या जले ट्रांसफॉर्मर को बदला जाए। इसके बावजूद भी संबंधित क्षेत्र में चार दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और कंपनी की छवि धूमिल हुई है।
आदेश में कहा गया है कि अजय पंडित का यह आचरण शीर्ष प्रबंधन के निर्देशों की अवहेलना, कार्य के प्रति लापरवाही और स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है। इस कारण उन्हें बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम 9(1)(क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विद्युत आपूर्ति अंचल, किशनगंज निर्धारित किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन यापन भत्ता (Subsistence Allowance) देय होगा।
वहीं, विद्युत कार्यपालक अभियंता गौरव कुमार से भी यह पूछा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए, क्योंकि उनके नियंत्रण क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद भी कोई अपेक्षित कदम नहीं उठाया गया। उन्हें सात कार्य दिवसों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
स्थानीय उपभोक्ताओं ने विभाग की इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा है कि दुर्गा पूजा और दीपावली के बीच चार दिनों तक बिजली गुल रहने से पूरे इलाके में भारी असुविधा हुई। लोगों का कहना है कि यदि समय पर कार्यवाही होती तो उन्हें अंधेरे में त्योहार नहीं मनाना पड़ता।
ऊर्जा विभाग के इस कड़े कदम से यह स्पष्ट संकेत गया है कि त्योहारों और चुनावी सीजन में बिजली आपूर्ति को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।