बिहार में शिक्षा क्रांति की शुरुआत: 100 विश्वविद्यालय खोलने की ऐतिहासिक मुहिम

  • शिक्षक दिवस पर शिक्षाविद अंशु सिंह ने शुरू किया ‘भिक्षाटन अभियान’, पहले ही दिन मिली चार विश्वविद्यालय खोलने की सहमति

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
बिहार की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाई देने और युवाओं को उच्च शिक्षा का सशक्त विकल्प उपलब्ध कराने के लिए शिक्षाविद् अंशु सिंह ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने शिक्षक दिवस के अवसर पर “बिहार में 100 विश्वविद्यालय” खोलने के महत्वाकांक्षी अभियान की औपचारिक शुरुआत की।
इस अभियान की शुरुआत भागलपुर में भावना इंटरनेशनल होटल में शुक्रवार को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हुई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्वान, प्राध्यापक और समाजसेवी उपस्थित रहे।
‘भिक्षाटन अभियान’ से होगी शुरुआत
इस मुहिम को “भिक्षाटन अभियान” नाम दिया गया है, जिसमें शिक्षा के लिए जनजागरण और जनसहयोग जुटाने की पहल की जा रही है। शिक्षाविद् अंशु सिंह का कहना है कि —“यह सिर्फ विश्वविद्यालय खोलने की पहल नहीं है, बल्कि यह शिक्षा को सामाजिक आंदोलन बनाने का प्रयास है। समाज से सहयोग और विद्वानों की प्रेरणा ही इस लक्ष्य को संभव बनाएगी।”
पहले ही दिन चार विश्वविद्यालयों की सहमति
इस अभियान को पहले ही दिन चार प्रतिष्ठित संस्थानों से बड़ी सफलता मिली।


युग चेतना फाउंडेशन
संरक्षक डॉ. शंभु दयाल खेतान ने पीरपैंती प्रखंड (भागलपुर) में राष्ट्रीय स्तर का विद्यालय और आगे चलकर डीम्ड विश्वविद्यालय स्थापित करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इस पहल से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में शिक्षा की नई रोशनी फैलेगी।
टेकइंफी फाउंडेशन
निदेशक विक्रम कुमार और CEO हंसराज ने खगड़िया जिले में विश्वविद्यालय स्थापना की सहमति दी। यह समूह पहले से सामाजिक कार्यों में सक्रिय है और दिल्ली में एक अस्पताल का भी संचालन करता है।
सुतारा सोशल इंपावरमेंट मिशन ट्रस्ट
पूर्णिया जिले में सुतारा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी खोलने का भरोसा दिया। संस्था पहले से मान्यता प्राप्त सुतारा 10+2 स्कूल सहित 17 शैक्षणिक संस्थान संचालित कर रही है। इसका उद्देश्य पूर्वांचल क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना है।
टेक्नो जागृति विश्वविद्यालय, भागलपुर
स्वयं ई. अंशु सिंह ने इसकी स्थापना का एलान किया।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय शोध और आधुनिक शिक्षा का केंद्र बनेगा।

इस दौरान किए गए कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. उग्रमोहन, डॉ. संजय जायसवाल, समाजसेवी राम गोपाल पोद्दार, संजय कुमार झा, रवि कुमार सहित कई विद्वान एवं प्राध्यापक मौजूद रहे। सभी ने ई. अंशु सिंह की इस पहल की सराहना की और इसे शिक्षा जगत में मील का पत्थर बताया।
बड़ा लक्ष्य : 100 विश्वविद्यालय
ई. अंशु सिंह ने कहा कि उनका सपना है कि आने वाले वर्षों में बिहार में 100 विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएँ। “अगर इसी तरह समाज का सहयोग और संस्थानों का समर्थन मिलता रहा, तो यह सपना अवश्य ही साकार होगा। यह सिर्फ बिहार ही नहीं, पूरे देश के लिए शिक्षा की दिशा और दशा बदलने वाला कदम होगा।”