बीएसपी से हुए नाराज तो पशुपति पारस की पार्टी से लड़ेंगे चुनाव, भभुआ नगर सभापति के मैदान में उतरने से बढ़ी चुनावी हलचल


न्यूज स्कैन ब्यूरो, कैमूर
बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। इस चुनावी मौसम में नेताओं का दल-बदल का सिलसिला भी जारी है। कहीं टिकट नहीं मिलने पर नाराज़ नेता दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। ऐसा ही मामला कैमूर जिले के भभुआ में देखने को मिला है, जहाँ नगर सभापति विकास उर्फ़ बब्लू तिवारी ने बीएसपी से टिकट नहीं मिलने के बाद अब पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का दामन थाम लिया है।
विकास तिवारी अब भभुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे और 20 अक्टूबर को औपचारिक रूप से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उनके चुनावी मैदान में उतरने से इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) ने ओवैसी की पार्टी AIMIM, चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ की आजाद समाज पार्टी और मौर्या की पार्टी के साथ मिलकर बिहार में ‘तीसरा मोर्चा’ (Third Front) बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
भभुआ में भाजपा को भी झटका
भभुआ में भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक रिंकी रानी पांडेय का टिकट काट दिया है, जिससे ब्राह्मण समुदाय में नाराज़गी देखी जा रही है। अब ब्राह्मण वोटों का झुकाव नगर सभापति बब्लू तिवारी की ओर माना जा रहा है।
विकास तिवारी का दावा — “भभुआ में किया विकास, अब विधानसभा में लहराएगा झंडा”
विकास उर्फ़ बब्लू तिवारी ने कहा कि उनके कार्यकाल में भभुआ नगर परिषद क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं।
10 करोड़ 88 लाख रुपये की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सैकड़ों घर बने।
534 लाभुकों को एक-एक लाख रुपये की पहली किस्त दी गई। नगर के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए कई करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे किए गए।
उन्होंने कहा कि अब लक्ष्य भभुआ विधानसभा के उन दर्जनों गांवों में विकास पहुंचाना है, जहाँ आज तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुँची हैं। विकास तिवारी ने कहा, “जनता ने जब-जब हमें भरोसा दिया, हमने विकास से उसका कर्ज चुकाया है। अब विधानसभा चुनाव में भी जनता आशीर्वाद देगी तो भभुआ में विकास का नया अध्याय लिखा जाएगा।”
भभुआ की सियासत में बब्लू तिवारी के उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। एक तरफ एनडीए में ब्राह्मण असंतोष है, तो दूसरी तरफ तीसरे मोर्चे की नई ताकत चुनावी समीकरणों को बदलने की कोशिश में है। अब देखना होगा कि जनता किसे मौका देती है — पुराने खिलाड़ियों को या नए चेहरे को जो विकास की बात कर रहा है।