न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
मछली घटने और पारंपरिक मत्स्यपालन संकट के बीच परिधि संस्था ने कहलगांव में मछुआ वैकल्पिक रोजगार कार्यशाला आयोजित कर महिलाओं और स्थानीय लोगों के लिए नए अवसरों का द्वार खोल दिया। गंगा मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ता एवं वार्ड पार्षद योगेंद्र सहनी ने प्रतिभागियों और फैसिलिटेटर का जोरदार स्वागत किया।
परिधि के निदेशक उदय ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम ऐसे रोजगार अपनाएँ जो आर्थिक रूप से मजबूत हों और महिलाओं को घर बैठे भी काम करने का मौका दें।
कार्यशाला के पहले खंड में मत्स्य उत्पाद में वैल्यू एडिशन और जूट से गहना व इंटीरियर डेकोरेशन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। जल जीविका, पूर्णिया से आई अंजना प्रसाद ने मछली के अचार, कटलेट, मोमो, समोसा, रोल और बर्गर बनाने की पूरी विधि बताई। प्रशिक्षण का दूसरा फेज जल्द ही आयोजित किया जाएगा, जिसमें डेमोंस्ट्रेशन भी शामिल होगा।
दूसरे खंड में सुष्री आद्या आनंद ने जूट से कान, नाक, गला और हाथ में पहनने वाले गहने बनाने का प्रशिक्षण दिया। रांची से आए नीरज वर्मा ने कहा कि डॉल्फिन सेंचुरी और यहां के पानी की स्थितियों को देखते हुए केज फिशिंग और घर की छत एवं खाली जमीन पर बायोफ्लैक्स विधि से मत्स्यपालन में असीम संभावनाएँ हैं।
कार्यक्रम में पांच दर्जन से अधिक महिलाओं ने वैकल्पिक रोजगार के गुर सीखे। मौके पर किरण देवी, कुंज बिहारी, रीता देवी, रीना देवी, मनोज कुमार, जूली देवी, द्रोपदी, नरेश सिंह, रोहित कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।
मछली घटने से परेशान महिलाओं के लिए बड़ा मौका: कहलगांव में वैकल्पिक रोजगार कार्यशाला
