न्यूज स्कैन ब्यूरो, किशनगंज
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने मारवाड़ी कॉलेज किशनगंज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. संजीव कुमार पर नामांकन के नाम पर छात्रों से प्रति सेमेस्टर 300 रुपये की अवैध उगाही का गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति को एक शिकायती पत्र सौंपा है। संगठन ने मांग की है कि प्रधानाचार्य सहित सभी दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो, अन्यथा अनिश्चितकालीन आंदोलन छेड़ा जाएगा। ABVP के विभाग संयोजक अमित मंडल और जिला संयोजक दीपक चौहान ने पत्र के माध्यम से मामले की पूरी कालक्रम बताई है।
अवैध वसूली का सिलसिला: तीन सत्रों में हजारों छात्र प्रभावित
पत्र के अनुसार, प्रो. संजीव कुमार ने सत्र 2023-27, 2024-28 और 2025-29 के दौरान नामांकन के बहाने हर छात्र-छात्रा से 300 रुपये की अवैध राशि वसूली। यह राशि विधिमान्य शुल्क से अधिक बताई गई है, जो सभी वर्गों, महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों से भी ली गई। ABVP का दावा है कि यह न केवल विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि राजभवन और बिहार सरकार के आदेशों की अवहेलना भी। संगठन ने इसे “छात्रों का आर्थिक शोषण” करार देते हुए घोर निंदा की है।
इसके अलावा, पत्र में प्रधानाचार्य पर कई अन्य भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं:
- रसीदों में हेराफेरी: 300 रुपये वसूलने के बावजूद छात्रों को 200 या 250 रुपये की रसीद जारी की गई।
- समय सीमा का उल्लंघन: विश्वविद्यालय की प्रथम मेरिट सूची की समय सीमा (24 जुलाई 2025) समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से नामांकन कर पैसे लिए गए।
- फर्जी फर्म का इस्तेमाल: ‘शामा कम्युनिकेशन’ नामक फर्म के जरिए धांधली और फर्जी भुगतान किए जाते हैं।
- संपत्ति का दुरुपयोग: पिछले तीन वर्षों से लाइब्रेरी भवन पर अवैध कब्जा कर उसे क्वार्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, साथ ही HRA (हाउस रेंट अलाउंस) भी लिया जा रहा।
ABVP नेताओं ने बताया कि ये कृत्य विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल कर रहे हैं और दलित व महिला छात्राओं के साथ भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर ‘ठगने’ का आरोप: आश्वासनों के बावजूद कार्रवाई में ढिलाई
पत्र में विस्तार से बताया गया कि ABVP ने इस मुद्दे को कई बार उठाया, लेकिन विश्वविद्यालय ने केवल आश्वासन देकर मामले को टालता रहा। मुख्य घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
- 11 अगस्त 2025: ABVP के पत्रांक ABVP/KNE-04/2025 से अवैध उगाही की शिकायत दर्ज।
- 18 अगस्त 2025: कुलपति से वार्ता के बाद जांच समिति गठित करने का वादा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। उसी दिन बड़ा बाबू रविकांत गुंजन को गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज बायसी में प्रतिनियोजित कर ‘खानापूर्ति’ की गई।
- 20 अगस्त 2025: आंदोलन की चेतावनी के बाद ABVP के पत्रांक ABVP/KNE-05/2025 से धमकी दी गई।
- 1 सितंबर 2025: धरना-प्रदर्शन के बाद DSW के हस्ताक्षर से पत्र (PUP/DSW/133/25) जारी, जिसमें सभी सत्रों के छात्रों से वसूली गई राशि 15 दिनों में लौटाने का आदेश।
- 2 सितंबर 2025: आदेश-पत्र बदलकर PUP/DSW/134/25 जारी, जिसमें केवल 2025-29 सत्र के छात्रों का पैसा लौटाने का प्रावधान। पुराने सत्रों (2023-27, 2024-28) के छात्रों को नजरअंदाज कर ‘कुटिल मानसिकता’ का आरोप।
ABVP का कहना है कि यह विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन की मिलीभगत का प्रमाण है, जो वसूली गई राशि का ‘बंदरबांट’ करने की कोशिश कर रहा है। संगठन ने चेतावनी दी कि एक सप्ताह के अंदर प्रधानाचार्य सहित सभी दोषियों पर कार्रवाई न हुई तो 15 सितंबर 2025 से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू होगा।
कुलपति से मांग: तत्काल जांच और दंड
ABVP नेताओं ने कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह से अपील की है कि तीनों सत्रों के सभी छात्रों को राशि तुरंत लौटाई जाए और भ्रष्टाचारियों पर विभागीय कार्रवाई हो। अमित मंडल ने कहा, “यह केवल पैसे का मुद्दा नहीं, छात्रों के भविष्य और विश्वविद्यालय की गरिमा का सवाल है।” दीपक चौहान ने जोड़ा कि यदि न्याय नहीं मिला तो राज्य स्तर पर आंदोलन तेज होगा।
पूर्णिया विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संपर्क करने पर कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी। इस बीच, छात्र संगठनों में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।