उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे क्या रही वजह… स्वास्थ्य या हालिया विवाद बना कारण? अब आगे क्या?

हाल में न्यायपालिका को लेकर कतिपय गंभीर टिप्पणियों को लेकर विवादों में रहे धनखड़… अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी रही चर्चा

न्यूज स्कैन डेस्क, नई दिल्ली

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य समस्याओं को बताया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए पत्र में उन्होंने एेसा ही लिखा है। उन्होंने लिखा है कि चिकित्सकों की सलाह के चलते वे अब पूर्णकालिक दायित्व निभाने में असमर्थ हैं। एेसी स्थिति में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी जरूरी है। धनखड़ बीते कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। मार्च 2025 में उन्हें सीने में तकलीफ के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गई। स्वास्थ्य में सुधार के बावजूद वे नियमित रूप से व्यस्त कार्यक्रमों से दूर रहे। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब केंद्र और न्यायपालिका के बीच टकराव की स्थिति कई बार देखने को मिली। उनके पद छोड़ने से एक तरफ जहां संवैधानिक प्रक्रिया शुरू हो गई है, वहीं दूसरी ओर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ स्वास्थ्य कारण था या यह राजनीतिक और संस्थागत दबाव की का परिणाम है।

संवैधानिक प्रक्रिया शुरू
उपराष्ट्रपति का पद संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत रिक्त हो गया है। इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि उपराष्ट्रपति स्वयं त्यागपत्र देते हैं, तो वह राष्ट्रपति को संबोधित और सौंपा जाना चाहिए। चूंकि अब पद रिक्त है, नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी और संसद के दोनों सदनों द्वारा संयुक्त रूप से नया उपराष्ट्रपति चुना जाएगा।

विवादों से रहा गहरा नाता
धनखड़ का कार्यकाल स्वास्थ्य के साथ-साथ न्यायपालिका पर उनके बयानों के कारण भी सुर्खियों में रहा। उन्होंने बीते कुछ महीनों में सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 142 के प्रयोग को “लोकतंत्र पर परमाणु मिसाइल” बताया था। इसके अलावा, उन्होंने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को “संवैधानिक रूप से असंगत” बताया। इन दोनों प्रकरणों पर कानून के जानकारों और विपक्ष में तीखी प्रतिक्रिया रही थी। इसी तरह, एक हाईकोर्ट न्यायाधीश के घर से नकदी बरामदगी की घटना पर उन्होंने न्यायपालिका की जवाबदेही पर सवाल उठाए थे और इस मामले में एफआईआर दर्ज न होने पर चिंता जताई थी।

विपक्ष का आरोप: “दबाव के कारण इस्तीफा”
धनखड़ के इस्तीफे के तुरंत बाद विपक्षी दलों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से लिया गया निर्णय नहीं हो सकता। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हालिया विवादों की ओर इशारा करते हुए कहा कि “संविधान की मर्यादा और पद की गरिमा” से संबंधित लगातार उठे सवालों ने उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया। गौरतलब है कि कुछ विपक्षी सांसदों ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा भी शुरू की थी, जो अब निरर्थक हो गई है।

अब आगे क्या?
अब उपराष्ट्रपति पद पर नए चेहरे की तलाश शुरू हो गई है। एनडीए और विपक्ष दोनों की निगाहें इस संवैधानिक पद पर होंगी, क्योंकि यह व्यक्ति राज्यसभा का सभापति भी होता है और संसदीय कार्यवाही में उसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।