बारसोई बीडीओ निलंबित, इस्तीफे के बाद एक्शन में जिला प्रशासन

  • मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच डीएम की सख्त कार्रवाई

कटिहार।
जिले में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान के बीच बारसोई प्रखंड विकास पदाधिकारी हरिओम शरण का इस्तीफा और फिर निलंबन प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। जहां 11 जुलाई को बीडीओ ने एसडीओ पर मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान का आरोप लगाते हुए पद छोड़ने का ऐलान किया था, वहीं 15 जुलाई को जिला प्रशासन ने उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बीडीओ हरिओम शरण द्वारा निर्वाचन से जुड़े कार्यों को लेकर समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से गलत जानकारी फैलाई गई, जो कि नियम विरुद्ध और दुष्प्रचार की श्रेणी में आता है। जिला पदाधिकारी मनेष कुमार मीणा के अनुसार बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं होने के कारण उन्हें निलंबित कर आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।

गौरतलब है कि 11 जुलाई को बीडीओ हरिओम शरण ने पत्र लिखकर इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया था कि अनुमंडल पदाधिकारी दीक्षित श्वेतम उन्हें लगातार सार्वजनिक रूप से अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि स्लिप डिस्क जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बावजूद वह दिन-रात क्षेत्र भ्रमण कर रहे थे, फिर भी उन्हें सुस्त और लापरवाह बताया गया। बीडीओ ने यह भी आरोप लगाया था कि रात्रि शिविर के आयोजन के दबाव में एक कर्मचारी बेहोश हो गया था। इस पर बारसोई एसडीओ दीक्षित श्वेतम ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि काम करने के लिए निर्देश देना मानसिक प्रताड़ना नहीं है। बीडीओ के आरोप को उन्होंने बेबुनियाद बताया और कहा कि हर सरकारी कर्मी को निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। एसडीओ ने यह भी कहा था कि बीडीओ का कामकाज प्रारंभ से ही ठीक नहीं रहा, वे घर से ही कार्यालय चलाते रहे हैं और कार्य के प्रति गंभीर नहीं थे।