न्यूज स्कैन ब्यूरो, पूर्णिया
पूर्णिया सदर विधानसभा सीट से महागठबंधन समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार जितेंद्र यादव ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया। नामांकन के साथ यह पूरा आयोजन एक “आशीर्वाद यात्रा” में बदल गया — जहाँ कांग्रेस, राजद, माले, भाकपा और महागठबंधन के तमाम घटक दलों के नेता और समर्थक एकजुट दिखे।
सुबह काली मंदिर, मां पूरणदेवी मंदिर और पंचमुखी हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद जितेंद्र यादव बाइक जुलूस के साथ नामांकन स्थल पहुँचे।
कचहरी परिसर स्थित हनुमान मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद वे पैदल ही कला भवन पहुँचे, जहाँ हज़ारों समर्थकों की भीड़ में उनका स्वागत हुआ।
पूर्णिया को जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्ति दिलानी है- जितेंद्र यादव
कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र यादव ने आशीर्वाद सभा में कहा- “यह सिर्फ नामांकन नहीं, यह जनता के आशीर्वाद का पर्व है। मैं पूर्णिया को जाति, धर्म और भाई-भतीजावाद से मुक्त करने आया हूँ।
अब बहुत से बहुरूपिए भेष बदलकर आएँगे, कोई जाति के नाम पर तो कोई धर्म के नाम पर,
लेकिन आपको सावधान रहना होगा। मैं आपसे सिर्फ आशीर्वाद मांगने आया हूँ।”
जितेंद्र यादव ने इस मौके पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, तेजस्वी यादव, राजेश राम, कृष्णा आलावरु, रंजीत रंजन और पप्पू यादव का आभार व्यक्त किया।
पप्पू यादव बोले, “पूर्णिया से उठी ये लहर पूरे देश में असर डालेगी”
सभा में उपस्थित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा, “पूर्णिया सदर, कसबा, रूपौली और बनमनखी से महागठबंधन के प्रत्याशी मैदान में हैं,
जनता अगर इन्हें विजयी बनाती है तो इसका असर पूरे देश में दिखेगा।
जितेंद्र यादव लोकप्रिय, मेहनती और जन-जन के नेता हैं, इन्हें जिताकर विधानसभा भेजना जनता की जिम्मेदारी है।”
पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने अपने सांसद कार्यकाल में एक साल के भीतर
पूर्णिया को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है और अब समय है कि
विधानसभा से भी वही संदेश जाए।
शकील अहमद खान बोले — “जितेंद्र जनता के बेटे हैं”
सीएलपी लीडर शकील अहमद खान ने सभा में कहा, “पूर्णिया से कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र यादव जमीन से जुड़े नेता हैं। वे न नेता की तरह, बल्कि एक भाई और बेटे की तरह जनता के बीच रहे हैं।
हमें यकीन है कि जितेंद्र यादव की जीत से महागठबंधन को नई ऊर्जा मिलेगी।”
विभा कुमारी का भावुक संबोधन में कहा, “मैं मेयर नहीं, पत्नी के रूप में खड़ी हूँ”. महापौर विभा कुमारी ने भावुक अपील की, “यह सिर्फ आशीर्वाद सभा नहीं, एक संकल्प सभा है,
भाईचारे, विकास और बदलाव का संकल्प।
आज मैं मेयर के रूप में नहीं, अपनी बहू के रूप में,
अपने पति के साथ खड़ी पत्नी के रूप में आप सबके बीच आई हूँ।
जिस तरह शादी में सात वचन लिए थे,
आज उसी धर्मयुद्ध में अपने पति के लिए आपका समर्थन मांग रही हूँ।”
महागठबंधन की एकजुटता का प्रदर्शन
कला भवन में हुई सभा में भीड़ उमड़ पड़ी।
राजद, भाकपा, माले और कांग्रेस के कार्यकर्ता साथ खड़े नज़र आए।
यह तस्वीर महागठबंधन के भीतर चल रही हालिया तनातनी के बीच
एक राजनीतिक एकता का प्रतीक बनी।