न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना/नई दिल्ली:
IRCTC होटल घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सोमवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। अदालत ने इस मामले में लालू यादव सहित 14 आरोपियों पर आरोप तय किए। सुनवाई के दौरान जब न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वे आरोप स्वीकार करते हैं, तो लालू यादव और राबड़ी देवी ने साफ कहा — “नहीं, यह केस झूठा है, हम अदालत में अपनी बात रखेंगे।”
क्या हैं आरोप?
सीबीआई के अनुसार, 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने आईआरसीटीसी के दो होटलों — बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी — के रखरखाव के लिए टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की थी। आरोप है कि इस सौदे के बदले उन्हें एक बेनामी कंपनी के माध्यम से तीन एकड़ ज़मीन सस्ते दाम पर दी गई। यह ठेका कथित रूप से विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। जांच एजेंसी का दावा है कि इस लेन-देन में भ्रष्टाचार और साजिश का तत्व मौजूद है।
कोर्ट में दलीलें
सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक डी.पी. सिंह ने दलील दी कि यह पूरा सौदा भ्रष्टाचार का उदाहरण है और लालू यादव ने अपने पद का दुरुपयोग किया। लालू यादव की ओर से बचाव पक्ष ने कहा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है और वे निर्दोष हैं। सीबीआई ने जुलाई 2017 में इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और पटना, दिल्ली, रांची और गुड़गांव में छापेमारी की थी। लंबी जांच और सुनवाई के बाद 2025 में आरोप तय किए गए। अब केस की अगली सुनवाई में गवाहों की सूची पेश की जाएगी।