- भभुआ के निकट परसियां में होगा चतुर्मास, श्रद्घालु भक्तों में खुशी की लहर
न्यूज स्कैन ब्यूरो, कैमूर
विख्यात श्रीवैष्णव परिव्राजक संत श्रीलक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा वर्ष 2026 का चातुर्मास्य व्रत एवं श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ कैमूर जिले में संपन्न करने की स्वीकृति से भक्तों एवं श्रद्धालुओं में अत्यंत हर्ष व्याप्त है। चातुर्मास्य व्रत भभुआ के निकट परसियां गांव में संपन्न होगा। यह पवित्र अनुष्ठान ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की पूर्णिमा तक चलेगा। जिसमें पूज्य स्वामी जी चतुर्मास स्थल पर निरंतर निवास करते हुए तपसाधना एवं प्रतिदिन प्रवचनों से जनमानस को धर्ममय जीवन के लिए प्रेरित करेंगे।
उक्त जानकारी देते हुए चतुर्मास महायज्ञ 2026 के संयोजक वरीय वाणिज्यकर अधिवक्ता अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि आयोजन समिति के सदस्यों के नेतृत्व में जिले के भक्तों का समूह 101 सजे धजे वाहनों पर सवार होकर भजन गाते मंगलवार शाम स्वामी जी के इस वर्ष के चतुर्मास स्थल भोजपुर जिले के परमानपुर गांव पहुंचा जहां स्थानीय भक्तों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। गाजे बाजे के साथ सिर पर मंगल अभिनंदन कलश, फल फूल एवं मिष्ठान की टोकरियाँ लेकर लाल पीले रंग के पारंपरिक परिधान में सजे भक्तजनों ने कतारबद्ध होकर यज्ञस्थल पर पूज्य स्वामी जी की अभ्यर्थना की और उनके श्रीचरणों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
धर्म सम्मेलन संपन्न होने के बाद कैमूर के भक्तों का एक प्रतिनिधिमंडल मंच पर आमंत्रित किया गया। प्रतिनिधिमंडल में जगद्गुरु शिवपूजन शास्त्री, जिला जज मनीष कुमार पाण्डेय, प्रसून कुमार मिश्र, अरुण तिवारी, विश्वकांताचार्य जी, सतीश सिंह, गिरिजेश तिवारी, विकास तिवारी, अरुण त्रिपाठी, रजनीश ओझा, मिथिलेश पाण्डेय, सुधीर राज, महेन्द्र पाण्डेय, मन्नू सिंह, जितेंद्र उपाध्याय आदि ने स्वामी जी की अभ्यर्थना कर कैमूर में चतुर्मास संपन्न करने की प्रार्थना की।
रेडक्रॉस सचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसून जी ने संस्कृत, हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं में निमंत्रण पत्र वाचन कर विधिवत अनुरोध समर्पित किया। उन्होंने पूज्य स्वामी जी से प्रार्थना की कि भक्तों की आकांक्षा आपकी कृपा रूपी स्वीकृति से ही पूर्ण हो सकती है। हम विंध्यवासी अकिंचन भक्तजन यह जानते हैं कि आप कृपा साध्य हैं, साधन साध्य नहीं! अतः आपकी कृपा ही हमारी अभ्यर्थना की स्वीकृति हो सकती है।
हे तपोनिधि ! आपकी वाणी को सुनकर आम जन श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की भक्ति को प्राप्त करते हैं एवं वैष्णवता के सिद्धांतों को आत्मसात करते हैं। आपके बोधगम्य अमृत संदेश जन मानस में मानवीय सद्गुणों का प्रचार प्रसार एवं अभिवर्धन करते हैं। जहां एक ओर आप मानवता एवं मानवीय संवेदनशीलता को वैष्णवता का पर्याय मानते हैं, वहीं दूसरी ओर सौहार्द एवं सहिष्णुता को मानव जीवन का उच्च लक्ष्य घोषित करते हैं। आपकी स्नेहिल अभिव्यक्ति से दुरुह आध्यात्मिक मार्ग भी सरल हो जाता है। हम कैमूर मंडलवासी ऐसे ही आध्यात्मिक मार्गदर्शन की वांक्षा लिये आज आपके समक्ष उपस्थित हैं।
हे अनघ ! हम यह जानते हैं कि आपके समदर्शी भाव के कारण आपके चरण कमल जन मानस की आकांक्षा के अनुरूप क्षेत्र, नगर एवं ग्राम की धरा पर पड़ते रहते हैं। जिस प्रकार सह्याचल पर्वत श्रेणी में श्री रंग भगवान स्थित हैं, उसी प्रकार विंध्याचल पर्वत श्रेणी में आदिशक्ति मां मुंडेश्वरी भवानी स्थित हैं। मां मुंडेश्वरी के पवित्र आंचल की छाया में अवस्थित विंध्य क्षेत्र का कैमूर मंडल प्रकृति प्रदत्त भक्ति भावना से ओत-प्रोत है। हम विंध्य क्षेत्र के दासानुदास अपने अंतःकरण की अभिप्सा एवं आकांक्षा को समेटे सन् २०२६ का चातुर्मास्य व्रत प्रवास एवं श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ कैमूर मंडल के ग्राम-परसिया (भभुआ) में करने की अभ्यर्थना प्रस्तुत करते हैं।
इस प्रकार की प्रपत्ति एवं शरणागति से प्रसन्न होकर पूज्य स्वामी जी ने निमंत्रण स्वीकार करने की घोषणा की। अंत में वहां की आयोजन समिति के अध्यक्ष छोटे लाल तिवारी के नेतृत्व सदस्यों ने प्रसाद एवं अंगवस्त्र प्रदान कर कैमूरवासी भक्तजनों को भावभीनी विदायी दी।