हममें से ज़्यादातर लोग कान, नाक या गले की समस्याओं को मामूली समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। कान में आवाज होना, नाक बंद रहना, बार-बार गले में खराश रहना या आवाज़ बैठना जैसी दिक्कतें आम हैं। यह हमें सामान्य लग सकती है, लेकिन यही लक्षण भविष्य में गंभीर रोग का रूप ले सकते हैं। ईएनटी यानी Ear, Nose, Throat से जुड़ी बीमारियाँ न सिर्फ़ जीवन की गुणवत्ता प्रभावित करती हैं, बल्कि कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। नई तकनीक और आधुनिक सर्जरी ने इन रोगों के इलाज को आसान और सुरक्षित बना दिया है। याद रखें…सही समय पर इलाज ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है।
आम समस्याएँ और उनके खतरे
- कान की समस्याएँ
सुनाई कम देना (Hearing Loss) : लगातार शोर-शराबे, बढ़ती उम्र या संक्रमण से हो सकता है।
कान में इंफेक्शन : बच्चों में यह समस्या आम है। समय पर इलाज न मिले तो सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
टिनिटस (Tinnitus) : कान में लगातार आवाज़ या घंटी बजना। यह भी गंभीर रोग का संकेत हो सकता है। - नाक की समस्याएँ
साइनसाइटिस : बार-बार सिरदर्द, नाक बंद रहना और चेहरे पर दबाव महसूस होना इसके लक्षण हैं।
एलर्जी राइनाइटिस : धूल, परागकण या मौसम बदलने पर छींक और नाक बहना।
नाक से खून आना : अक्सर नमी की कमी, हाई ब्लड प्रेशर या किसी चोट के कारण होता है। - गले की समस्याएँ
गले में खराश और संक्रमण : बार-बार गले में दर्द या खिचखिच टॉन्सिलाइटिस का संकेत हो सकता है।
आवाज़ बैठना : लंबे समय तक आवाज़ बैठना या बदलना, वोकल कॉर्ड्स पर गांठ या अन्य समस्या की ओर इशारा करता है।
निगलने में कठिनाई : यह गैस्ट्रोएसोफेजियल रिफ्लक्स (Acid Reflux) से लेकर गंभीर कैंसर तक का लक्षण हो सकता है।
आधुनिक इलाज और सर्जरी
एंडोस्कोपिक सर्जरी : बिना बड़े चीरे के साइनस और नाक की जटिल समस्याओं का उपचार अब संभव है।
माइक्रो-ईयर सर्जरी : कान की हड्डियों और पर्दे की मरम्मत से सुनने की क्षमता लौटाई जा सकती है।
वॉइस सर्जरी : आवाज़ से जुड़ी विकृतियों के लिए लेज़र और माइक्रो-तकनीकें उपलब्ध हैं।
कोकलियर इम्प्लांट : गहरा बहरापन झेल रहे बच्चों और बड़ों के लिए जीवन बदल देने वाला विकल्प।
जानिए, कब डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें?
कान में दर्द या बहाव लगातार हो रहा हो।
सुनाई देने में अचानक कमी आए।
नाक से बार-बार खून आए या महीनों तक नाक बंद रहे।
आवाज लगातार बैठी रहे या गले में गांठ महसूस हो।
बच्चों को बार-बार कान या गले का संक्रमण हो।
खुद की सुरक्षा के आसान उपाय
तेज आवाजों से दूर रहें और इयरफोन का लम्बे समय तक प्रयोग न करें।
धूल, धुआँ और प्रदूषण से बचें।
गुनगुना पानी पिएँ, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएँ।
मौसमी संक्रमण में मास्क का प्रयोग करें।
नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।
(लेखक डॉ. आलोक ईएनटी के जाने-माने विशेषज्ञ व सर्जन हैं। पूर्व में बंगलोर मेडिकल कॉलेज, श्रोफ चैरिटी आई हॉस्पिटल दरियागंज, नई दिल्ली, हिंदू राव हॉस्पिटल, नई दिल्ली, बाबा आंबेडकल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में पूर्णिया में मॉडर्न ईएनटी क्लिनिक चला रहे हैं। साथ ही उम्मीद सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, कुंडी पुल, लाइन बाजार में भी विशेष सुविधाओं के साथ इनकी सेवाओं और आधुनिक सर्जरी का लाभ लिया जा सकता है। डॉ. आलोक वर्तमान में आईएमए पूर्णिया चैप्टर के अध्यक्ष भी हैं। )