पीके का बड़ा हमला : सम्राट चौधरी पर हत्या और शिल्पी-गौतम कांड से जुड़े आरोप, अशोक चौधरी पर 500 करोड़ की अवैध संपत्ति का खुलासा करने की चेतावनी

न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने सोमवार को पटना के पाटलिपुत्र गोलंबर स्थित कैम्प कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने मानव वैभव विकास ट्रस्ट की संपत्ति को लेकर भी सवाल खड़े किए।


सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार से मांग की कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को हत्या के आरोप में तत्काल बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि 1995 में तारापुर में सात लोगों की हत्या के मामले (केस संख्या 44/1995) में सम्राट चौधरी अभियुक्त थे। उस समय उन्हें नाबालिग दिखाकर जेल से बाहर निकाला गया, जबकि 2020 में चुनाव आयोग को दिए शपथपत्र में उन्होंने अपनी उम्र 51 वर्ष बताई। पीके ने कहा कि इस हिसाब से 1995 में उनकी उम्र 26 वर्ष थी।
उन्होंने यह भी दावा किया कि सम्राट चौधरी चर्चित शिल्पी-गौतम रेप और हत्याकांड में भी संदिग्ध अभियुक्त के तौर पर नामजद थे और सीबीआई ने इनकी जांच की थी।

अशोक चौधरी पर सीधा वार
प्रशांत किशोर ने मंत्री अशोक चौधरी को चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने हमारे खिलाफ 100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। यदि इसे सात दिन के भीतर वापस लेकर माफी नहीं मांगी गई तो हम 500 करोड़ की अवैध संपत्ति का खुलासा करेंगे।
पीके ने आरोप लगाया कि अशोक चौधरी के विभाग में पिछले आठ महीने में 20 हजार करोड़ से अधिक का कांट्रैक्ट दिया गया है, जिसमें 5% कमीशन लिया गया। विभाग से पैसा रिलीज होने पर 0.5% कमीशन अलग से वसूला गया। उन्होंने कहा कि अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन ठेकेदारों को सामने लाया जाएगा जिन्होंने यह कमीशन दिया है।


ट्रस्ट की संपत्ति पर सवाल
पीके ने मानव वैभव विकास ट्रस्ट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी की सगाई के बाद ट्रस्ट के खाते से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदी गई। इस ट्रस्ट से जियालाल आर्य, अनिता कुणाल और बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की सास भी जुड़ी हैं। पीके ने कहा कि इन्हें प्रेस में आकर यह स्पष्ट करना चाहिए कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई।

जन सुराज की फंडिंग पर सफाई
प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी की फंडिंग पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले तीन साल में सलाहकार के तौर पर 241 करोड़ रुपये कमाए हैं, जिन पर 30.95 करोड़ जीएसटी और 20 करोड़ आयकर जमा किया गया है। बची हुई रकम में से 98.75 करोड़ रुपये जन सुराज को दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि “हम अपनी मेहनत और खून-पसीने की कमाई से जन सुराज चला रहे हैं। बिहार में चोरी की राजनीति अब नहीं चलेगी।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, संगठन महामंत्री सुभाष कुशवाहा, महासचिव किशोर कुमार के अलावा वरिष्ठ नेता रामबली चंद्रवंशी, सुधीर शर्मा, विनीता मिश्रा, एमएलसी अफाक अहमद और मीडिया प्रभारी ओबैदुर रहमान भी मौजूद रहे।