- नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना
- दुर्गा स्थान और आकर्षक पंडालों में भीड़
- बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन पूरे जिले का वातावरण शक्ति और भक्ति से सराबोर हो गया। मंदिरों और पूजा पंडालों में सुबह से ही “या देवी सर्वभूतेषु…” के मंत्रोच्चार गूंजते रहे। महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और शांति की कामना की।
जिले के दुर्गा स्थान मंदिर, काली स्थान परिसर और अन्य प्रमुख देवी स्थलों पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ कलश स्थापना की गई। दुर्गा सप्तशती का पाठ विद्वान आचार्यों के देखरेख में हुआ। आचार्य पंडित धर्मेन्द्र नाथ मिश्र ने कहा कि मां चंद्रघंटा की आराधना से साधक को आंतरिक शांति, साहस और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह पूजा जीवन से भय और संकट दूर करती है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बने आकर्षण पूजा पंडाल
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बने आकर्षक पूजा पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। पंडालों में मां की भव्य प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। रंग-बिरंगी रोशनी, सजावट और भक्ति संगीत से वातावरण आलोकित हो गया है। कई पंडालों में कलाकारों ने मिथिला कला और आधुनिक डिजाइन का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत किया है।
नवरात्र पर बाजारों में रौनक
इधर, नवरात्र का पर्व बाजारों में भी रौनक लेकर आया है। पूजन सामग्री, नारियल, चुनरी, फल-फूल से लेकर कपड़ा और आभूषण की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ बढ़ गई है। महिलाएं घर-घर में पूजा की तैयारी में जुटी हैं, वहीं बच्चे झूले और मेलों का आनंद ले रहे हैं।
पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि “हर साल की तरह इस बार भी समिति ने भक्तों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा है। पंडाल में सीसीटीवी, प्राथमिक उपचार केंद्र और महिला स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और आराम से मां के दर्शन कर सकें।
नवरात्र का यह उत्सव सामाजिक समरसता का प्रतीक बनकर पूरे जिले में भक्ति, उल्लास और आस्था का नया रंग बिखेर रहा है।