प्रदीप विद्रोही, भागलपुर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर ज़मीन से जुड़ाव दर्शाते हुए गुरुवार को भागलपुर के ग्रामीण इलाकों का रुख करेंगे। उनका कार्यक्रम सन्हौला प्रखंड के अरार धुआवै गांव में निर्धारित है, जहां वे न केवल विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे, बल्कि आम लोगों से संवाद भी करेंगे। इस आयोजन में करीब 20 हज़ार लोगों के शिरकत करने का लक्ष्य है। कहलगांव विधानसभा क्षेत्र के सुदूर ग्रामीण इलाके से लोगों के आने की उम्मीद है।
इस दौरे की सबसे खास बात यह होगी कि अरार धुआवै गांव में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कहलगांव से नौ बार विधायक रहे स्व. सदानंद सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। यह गांव स्व. सदानंद सिंह की जन्मभूमि भी है, ऐसे में यह कार्यक्रम भावनात्मक और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है। मालूम हो कि इस गांव में पहली बार सीएम पहुंच रहे हैं। इसलिए ग्रामीण भी सीएम की इस यात्रा को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हुए हैं।
अनावरण स्थल मां चण्डिका स्थान के ठीक सामने स्थित है। यह स्थान 1962 में स्व. सिंह के पूर्वजों दादा मिश्रीलाल और पिता कृष्णा प्रसाद – द्वारा स्थापित चण्डिका मिश्रीलाल कृष्णप्रसाद उच्चतर माध्यमिक (+2) विद्यालय के मुख्य गेट के निकट है। सभा स्थल महादेव स्थान परिसर में बनाया गया है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमजनों से संवाद करेंगे। सभा स्थल पर जर्मन हैंगर पंडाल सज-धज कर तैयार है। अनावरण स्थल की भी तैयारी आखिरी चरण में है।
मुख्यमंत्री का यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि 13 अगस्त को हुई समीक्षा बैठक में किए गए वादों की ज़मीनी सच्चाई परखने का भी एक अवसर है। उस बैठक में लगभग ₹163.60 करोड़ की 16 योजनाओं पर चर्चा हुई थी, जिन्हें मुख्यमंत्री की 13 मई की “प्रगति यात्रा” के दौरान शुरू किया गया था।
ग्रामीण धरती से होगी जनसंवाद की शुरुआत
नीतीश कुमार का यह कार्यक्रम केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहेगा। वे सन्हौला के अरार धुआवै गांव में जनसभा को संबोधित करेंगे और लोगों की समस्याएं व सुझाव सीधे सुनेंगे। इसे जनता से उनके सीधा जुड़ाव स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

प्रशासन तैयारियों में जुटा
मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। स्वयं डीएम नवल किशोर चौधरी लगातार दौरा कर तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। उनके साथ कहलगांव के एसडीओ, एसडीपीओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहते हैं। वहीं डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह और सिटी एसपी शुभंक मिश्रा भी सन्हौला जाकर सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं का रिव्यू कर रहे हैं।
यह दौरा केवल योजनाओं की समीक्षा भर नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक संकेत भी देता है कि विकास की असली तस्वीर गांवों की गलियों में ही छिपी है और मुख्यमंत्री अब उसी तस्वीर को करीब से देखना चाहते हैं।
राजनीतिक से अधिक भावनात्मक यात्रा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह यात्रा सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीति के एक पुराने योद्धा को श्रद्धांजलि देने का भावनात्मक क्षण भी है। अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहने के बावजूद, स्व. सदानंद सिंह और नीतीश कुमार के बीच सम्मान और राजनीतिक साझेदारी वर्षों पुरानी रही है।
दिवंगत श्री सिंह की डायरी के पन्नों से पता चलता है कि कभी उन्होंने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा था, “नीतीश बाबू, आप एक दिन बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे।” इस पत्र का ज़िक्र करते हुए उनके पुत्र जेडीयू के प्रदेश महासचिव ई. शुभानंद मुकेश कहते हैं कि “बाबू जी की राजनीतिक दृष्टि बहुत मजबूत थी।” वे बताते हैं कि श्री सिंह की डायरी को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की तैयारी अंतिम चरण में है, जिसमें यह ऐतिहासिक पत्र भी शामिल है।
नीतीश कुमार ने स्व. सदानंद सिंह के निधन के बाद उनके मुख्य श्राद्ध कर्म में शामिल होकर कहलगांव स्थित उनके आवास पर जाकर परिजनों को सांत्वना दी थी और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
कुल मिलाकर, 25 सितंबर को अरार धुआवै गांव एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने जा रहा है – जहां राजनीति, श्रद्धा और स्मृति एक साथ समाहित होंगी।