न्यूज स्कैन ब्यूरो, नई दिल्ली/पटना
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है और केवल इसके आधार पर मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं कराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा यह स्पष्ट कर दिया है कि पहचान और नागरिकता अलग-अलग अवधारणाएं हैं। केवल आधार को नागरिकता का सबूत मानना लोकतंत्र की बुनियाद को खतरे में डाल सकता है। इसलिए वोटर लिस्ट की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों दोनों को जिम्मेदारी निभानी होगी। यह फैसला साफ करता है कि सही नागरिकों का नाम वोटर लिस्ट में जरूर होना चाहिए, लेकिन आधार इसके लिए अकेला आधार नहीं हो सकता।
कोर्ट की टिप्पणी
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने कहा कि आधार केवल पहचान का साधन है, नागरिकता का सबूत नहीं। चुनाव आयोग को मतदाता सूची में नाम दर्ज करने के लिए अन्य दस्तावेज भी देखने होंगे। आधार एक्ट की धारा 9 में भी स्पष्ट लिखा है कि आधार नंबर किसी भी अधिकार, नागरिकता या निवास का प्रमाण नहीं है।
क्या है विवाद
SIR के दौरान लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने पर राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई थी। उनकी मांग थी कि जिनके पास आधार कार्ड है, उनका नाम स्वतः मतदाता सूची में शामिल किया जाए। कोर्ट ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि आधार की कानूनी स्थिति को कानून से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता।
चुनाव आयोग का पक्ष
सीनियर वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि कई जिलों में आधार सैचुरेशन 140% है, यानी फर्जी आधार बनने की आशंका है। केंद्र ने स्वीकार किया कि कुछ राज्यों में बांग्लादेशी और रोहिंग्या ने धोखे से आधार कार्ड बनवा लिए हैं।
आधार को नागरिकता मानने के खतरे
विदेशी नागरिकों का नामांकन हो सकता है। फर्जी आधार बनवाने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या भी मतदाता सूची में आ सकते हैं। आधार डेटा एंट्री की त्रुटियों और बायोमेट्रिक फेल्योर के कारण असली नागरिक भी वोटर लिस्ट से बाहर हो सकते हैं। आधार को नागरिकता प्रमाण बनाने से व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग और निगरानी का खतरा बढ़ सकता है।
राजनीतिक असर
विपक्ष लगातार SIR में धांधली का आरोप लगा रहा है। कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने कार्यकर्ताओं की मदद से उन नागरिकों को बूथ लेवल ऑफिसर के पास ले जाएं, जिनके नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं।