सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रीय कार्यशाला: पहले दिन एमओएस ट्रांजिस्टर टेक्नोलॉजी पर व्याख्यान

न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल

सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में सोमवार को “इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ एवं सर्किट्स में उभरते अनुप्रयोग” विषय पर आयोजित एक सप्ताहीय राष्ट्रीय कार्यशाला का भव्य उद्घाटन हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन बिहार काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ, प्रोफेसर, शोधकर्ता एवं विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र का प्रारंभ राष्ट्रीय गान एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. अच्युतानंद मिश्रा, डीन अकादमिक्स एवं कार्यशाला संयोजक डॉ. चन्दन कुमार, विभागाध्यक्ष रवि रंजन, शादाब आज़म सिद्दीकी, नवीन कुमार, पंकज कुमार सिंह, गोपाल कृष्णा, डॉ. राजा गांधी, डॉ. अज़मत राजा, तथा सभी गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

कार्यशाला संयोजक डॉ. चन्दन कुमार ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि “आज इलेक्ट्रॉनिक्स जीवन के हर क्षेत्र का आधार बन चुका है। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को आधुनिक डिवाइस व सर्किट डिज़ाइन की नवीनतम तकनीकों से परिचित कराना है।” उन्होंने सभी प्रतिष्ठित वक्ताओं का परिचय देते हुए भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन का उल्लेख किया और बताया कि आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक चिप निर्माण में अग्रणी बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

विभागाध्यक्ष रवि रंजन ने भी अपने विचार रखे और विद्यार्थियों को इस अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
प्राचार्य डॉ. अच्युतानंद मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि सुपौल जैसे शहर में इस तरह का राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित होना गौरव की बात है। उन्होंने छात्रों को आह्वान किया कि वे केवल रोजगार तक सीमित न रहकर शोध और नवाचार की ओर अग्रसर हों। उन्होंने भारत में हाल ही में स्वीकृत चार नये सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स और 2025 के अंत तक ‘मेड इन इंडिया चिप्स’ बाज़ार में आने की घोषणा को देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
धन्यवाद ज्ञापन शादाब आज़म सिद्दीक़ी ने प्रस्तुत किया।उद्घाटन दिवस के पहले तकनीकी व्याख्यान में प्रो. सत्यब्रत जीत (प्रोफेसर HAG, IIT BHU, वाराणसी) ने “MOS ट्रांजिस्टर टेक्नोलॉजी: माइक्रो से नैनो तक” विषय पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने ट्रांजिस्टर टेक्नोलॉजी के विकास, उसकी चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इस सत्र में उपस्थित विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने अनेक सवाल पूछे और इसे अत्यंत उपयोगी बताया।
अगले लेक्चर में डॉ. चन्दन कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के फंडामेंटल कॉन्सेप्ट एवं फेब्रिकेशन मेथड्स को समझाया। आईआईएसटी शिवपुर के डॉ. सुबिमान चटर्जी ने डिजिटल डिजाइन में फीडबैक के महत्व पर प्रकाश डाले । पहले दिन की कार्यक्रम के पश्चात प्रतिभागियों ने कार्यशाला के आगामी दिनों को लेकर गहरी उत्सुकता व्यक्त की।